उत्तराखंड: पहले राजेश को जख्मी कर भागा बाघ, फिर वापस आकर इस तरह सबके सामने घसीटकर ले गया

उत्तराखंड

कोटद्वार: उत्तराखंड के कोटद्वार में कालागढ़ टाइगर वन प्रभाग के प्लेन रेंज के मंदालटी बीट में गश्त के दौरान बाघ ने एक फारेस्ट गार्ड पर हमला कर मार डाला। घटना की सूचना मिलने से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

हमला करने के पांच घंटे बाद बाघ फिर आया और…

जानकारी के अनुसार कोटद्वार में गश्त कर रहे फॉरेस्ट गार्ड राजेश नेगी पर पहले तो बाघ ने हमला किया लेकिन साथी वनकर्मी पूरण सिंह और कमल सिंह ने हवाई फायर की तो बाघ भाग गया, लेकिन उस हमले में राजेश बुरी तरह जख्मी हो गए। हमला करने के पांच घंटे बाद बाघ फिर आया और राजेश को वनकर्मियों की आंखों के सामने उठाकर ले गया। घंटों चले सर्च ऑपरेशन के बाद फॉरेस्ट गार्ड का शव घने जंगल से क्षत-विक्षत हालत में मिल गया।

राजेश को अस्पताल भेजने की व्यवस्था करने की बात कहकर…

यह हैरतअंगेज घटना कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग (केटीआर) की प्लेन रेंज में घटी। रविवार शाम यमकेश्वर ब्लॉक के कांडी गांव निवासी फॉरेस्ट गार्ड राजेश नेगी (45) पुत्र स्व.बलवंत सिंह दो साथी वनकर्मियों के साथ जंगल में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान शाम 4 बजे सबसे पीछे चल रहे राजेश पर एक बाघ ने हमला कर दिया।
इस पर साथी वनकर्मी पूरण सिंह और कमल सिंह ने हवाई फायर की तो बाघ भाग गया, लेकिन उसके हमले में राजेश बुरी तरह जख्मी हो गए। इस पर दोनों साथी उन्हें पीठ पर लादकर घंटों का रास्ता तय कर एक खुले और सुरक्षित स्थान पर पहुंचे और अधिकारियों को हादसे की सूचना दी। इस पर अधिकारियों ने जल्द मौके पर टीम भेजने और राजेश को अस्पताल भेजने की व्यवस्था करने की बात कहकर इंतजार करने को कहा।

जमीन पर लेटे राजेश को घसीटकर ले गया बाघ…

इसी बीच रात 9 बजे वो ही बाघ वहां पहुंचा और दोनों वनकर्मियों की आंखों के सामने से जमीन पर लेटे राजेश को घसीटकर ले गया। अचानक कुछ ही पलों में घटी इस घटना से हरकत में आए दोनों वनकर्मियों ने हवाई फायर कर बाघ का पीछा करने की कोशिश भी की, लेकिन वो अंधेरे में घने जंगल में ओझल हो गया। घटना की सूचना से विभाग में हड़कंप मच गया।

सोमवार सुबह फिर राजेश की तलाश शुरू की गई…

सूचना मिलते ही वन अधिकारी जंगल में पहुंचे और राजेश की तलाश शुरू कर दी, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इस बीच रात में राजेश के घायल होने की आशंका के चलते आकस्मिक चिकित्सा वाहन को भी ढौंटियाल में बुला दिया गया। साथ ही बेस चिकित्सालय प्रशासन को भी सूचित कर दिया, लेकिन राजेश का कोई पता नहीं चला। सोमवार सुबह फिर राजेश की तलाश शुरू की गई व काफी प्रयासों के बाद चौखम के समीप झाड़ियों में राजेश का अधखाया शव बरामद कर दिया गया। वन विभाग ने पोस्टमार्टम के लिए राजेश के शव को लेकर कोटद्वार भेज दिया है।

पापा हमको छोड़कर चले गए…

फारेस्ट गार्ड राजेश नेगी अपने पीछे पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा को छोड़ गये है। राजेश की बड़ी बेटी याशी ने बताया कि उसके पापा उसे बहुत प्यार करते थे। वे दशहरे पर घर आए थे, उन्होंने दीवाली पर ढेर सारे पटाखों के साथ घर आने को कहा था। हम सब पापा का घर आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन पापा हमको छोड़कर चले गए, इतना बोलते ही याशी बिलख पड़ी।

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