देहरादून:मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के लगभग 2500 छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद किया। ‘‘भारत छोड़ो आंदोलन‘‘ की 75वीं वर्षगांठ पर जन संवाद की श्रृंखला शुरू करते हुए मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से प्रदेश एवं देश के विकास में बढ़ चढ़ कर योगदान करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों को स्वच्छता, जलसंचय, वृक्षारोपण, नशा मुक्ति एवं नशे के विरोध तथा भ्रष्टाचार की समाप्ति का संकल्प भी दिलवाया।
उत्तराखंडः छात्रों के सवाल और मुख्यमंत्री के जवाब
मुख्यमंत्री ने लगभग 2 घंटे तक राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं से अनौपचारिक बातचीत की। रावत ने प्रदेश भर के 119 तहसील तथा स्वान केन्द्रों, 56 विलेज लेवल एंटर प्रेन्योर सेन्टर, 13 जिला एनआईसी तथा 13 जिला स्वान केन्द्र पर आए लगभग 2500 छात्र-छात्राओं से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधे संवाद किया।
उन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन की वर्षगांठ पर शहीद वीर केसरी चन्द और शहीद वीर दुर्गामल्ल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके योगदान का स्मरण किया। इस मौके पर सभी जिलाधिकारी और महानिदेशक शिक्षा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उत्तर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेन्स की नीति अभी तक का महत्वपूर्ण निर्णय रहा है। भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा स्रोत संस्थागत या शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार होता है।
केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने तीन वर्ष सफलतापूर्वक पूरे किए है तथा अभी तक भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नही लगा है। इसी प्रकार यदि उच्च स्तर से भ्रष्टाचार समाप्त होता है तो देश तथा राज्य की तस्वीर बदलेगी। प्रत्येक चेहरे पर मुस्कान होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। लेकिन हमारे राज्य में भौगोलिक तथा विकास सम्बन्धित विषमताएं है। यदि ऊधमसिंह नगर तथा बागेश्वर की तुलना की जाए तो यह गैप बहुत बड़ा है।
हमने सम्बन्धित जिलाधिकारियो, सीडीओ तथा अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रति जिले में प्रति व्यक्ति आय कैसे बढ़ाई जाए, इस पर फोकस किया जाए। प्रभारी मंत्रियों को जिस जिले की जिम्मेदारी दी गई है वह उस जिले विशेष की चिन्ता करें। परन्तु इन सब प्रयासों में जन सामान्य की सक्रिय सहभागिता भी आवश्यक है।
हमें अब चर्चा से आगे बढ़कर धरातल पर कार्य करना होगा। यह काम करने का समय है। चर्चा बहुत हो गई। सफलता या असफलता का विचार किए बिना हमें इस दिशा में निरन्तर प्रयास करने होंगे। हम कौन सी चीजों का उत्पादन स्वयं कर सकते है तथा कौन सी वस्तुओं का हमें आयात करना होगा, हमें इस विषय पर व्यवहारिक होकर सोचना होगा।
कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण तथा प्राकृतिक संसाधनों द्वारा राज्य की आय के साधन बढ़ाने होंगे। हम परिश्रमी है परन्तु हमें स्वयं में व्यवसायिक गुण विकसित करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यन्त चिन्ता का विषय है कि पौड़ी तथा पिथौरागढ़ में लिंगानुपात सामान्य से कम है। राज्य सरकार ने इसकी पुष्टि के लिए पुनः अध्ययन कराया गया।
अल्ट्रासाउण्ड मशीनों की जांच तथा भ्रूण हत्या के खिलाफ सख्य कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। कम लिंगानुपात वाले जनपदों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। अपनी बेटियों की रक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 2900 चिकित्सकों के पद उपलब्ध है जिनमें से 1100 डाॅक्टर कार्यरत है। श्रीनगर मेडिकल काॅलेज सेना ने संचालित करने पर सहमति कर दी है।
सेना से सेवानिवृत्त 120 डाॅक्टरों ने उत्तराखण्ड में अपनी सेवाएं देने का प्रस्ताव रखा हैं । लगभग 200 नये डाॅक्टर अगले माह तक नियुक्त कर दिए जाएंगे।
पहली बार इतनी बड़ी संख्या मे चिकित्सकों की तैनाती पर्वतीय जनपदों में की गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रो में गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाए सुनिश्चित करवाई जाए। जिला चिकित्सालयों में आधुनिक लैब, नवीनतम उपकरण आदि उपलब्ध कराए जाएं।
आज 750 प्रकार की जेनेरिक दवाइयां जो सस्ती तथा प्रभावी हैं, राज्य भर में उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, राज्य व्याधि निधि योजना जैसी जनहितकारी योजनाएं भी स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हेतु चलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन के तीन मुख्य कारण शिक्षा, स्वास्थ्य तथा रोजगार का अभाव है। यदि गांवो में स्वास्थ्य, रोजगार सुविधाएं होंगी तो पलायन का काफी हद तक नियन्त्रित किया जा सकता है। हमें कुछ मूलभूत परिवर्तन करने होंगे। रोजगार का सबसे अच्छा साधन कृषि है।
चकबन्दी के लिए गांवों के लोगों को प्रेरित किया जाना चाहिए। कृषि भूमि में बिखराव होने के कारण सुरक्षा, पानी, यातायात तथा समय की बहुत हानि होती है। परती तथा बंजर भूमि को कैसी उपजाऊ बनाया जाए, इस दिशा में प्रयास करने होंगे। खेती के पैटर्न को भी बदलने की आवश्यकता है।
शिक्षित युवाओं को कृषि में रूचि लेनी होगी। गावों में स्वरोजगार को बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फैशन डिजायन, प्लास्टिक टेक्नाॅलोजी तथा हाॅस्पिटिलिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है। देहरादून को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।
हरिद्वार, देहरादून तथा नैनीताल में अंडरग्राउण्ड केबलिंग की जाएगी। आल वेदर रोड, चारधाम रेल नेटवर्क के साथ ही हरिद्वार में जाम की समस्या से निजात के लिए एलीवेटेड रोड बनाई जाएगी। यह सब केन्द्र सरकार के सहयोग से ही होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को अन्नदाता की चिन्ता है। उसके लिए परती भूमि की उर्वरकता बढ़ाने, प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने, अच्छे बीजो के उत्पादन के प्रयास किये जा रहे है।
आगामी 25 सितम्बर से किसानों को कृषि सम्बन्धित कार्यो हेतु 2 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों में खेलो को प्रोत्साहित करने के लिए दी जाने वाली राशि 25 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये कर दी गई है।
सरकारी योजनाओं का लाभ अभी तक पंहुचे उसके लिये जिलाधिकारियों और सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाया गया है। यदि किसी को कोई शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बेटियों के कल्याण व विकास के लिए प्रतिबद्ध है। बेटियों को सभी संवैधानिक अधिकार समान रूप से प्राप्त हैं। बेटियो की समाज में भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। लिंगानुपात बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
सामाजिक विसंगतियों के कारण बेटियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है जिसके कारण उन्हें अशिक्षा तथा कुपोषण का भी शिकार होना पड़ता है। राज्य में शीघ्र ही दो महिला बैंक खोले जा रहे हैं। जिसमें सभी कार्मिक महिलाएं होंगी। गर्भवती महिलाओं को पोषण भत्ता दिया जा रहा है।
उत्तराखण्ड में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण है। राज्य सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्थानीय अनाजों से बने फूड पैक को प्रोत्साहित करेगी, जिसे स्वयं सहायता समूह बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 25 जून से जल सरंक्षण के लिए अभियान चलाया है। छात्र-छात्राओं से अपील की कि रेत व पानी के मिश्रण की एक बोतल सिस्टर्न में डालें।
इस प्रकार प्रतिदिन एक करोड़ लीटर तक की बचत की जा सकती है। उन्होंने एक व्यक्ति एक वृक्ष के अभियान में भी भागीदारी की अपील की।
मुख्यमंत्री ने उनको आश्वस्त किया कि उस विषय की जानकारी लेंगे। आईआईटी रूड़की केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के अन्तर्गत आता है, आवश्यकता पड़ने पर भारत सरकार से बात की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के लिए सरकारी अभियानो के अलावा इस कार्य में सक्रिय जनसहभागिता भी आवश्यक है। गंदगी फैलाने वालो के लिये राज्य में कानून है और उसका उपयोग भी किया जाता है, परन्तु इस विषय पर प्रभावी कार्यवाही जनसहयोग से ही हो सकेगी। सभी को संकल्प लेना होगा कि वे डस्टबिन के अतिरिक्त कहीं और कूड़ा न फेंके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संसाधनों की गुणवता में सुधार के अतिरिक्त शिक्षकों द्वारा इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया जा सकता है। राजकीय विद्यालयो के शिक्षक प्रथम श्रेणी के होते हैं।
अच्छे शिक्षक कई बार संसाधनो की कमी का अहसास नहीं होने देते। सरकार प्रत्येक ब्लाॅक में माॅडल स्कूल खोलने जा रही है। भविष्य में आर्थिक स्थिति के अनुसार इनका विस्तार भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम बडे़ उद्देश्यों के लिए बड़ी सोच के साथ कार्य करते हैं तो हम सब घरों को अपना घर मानते है। सारा समाज हमारा घर व परिवार है, तो हमें कोई समस्या नहीं होती।