संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में राज्य के युवाओं की भागीदारी इस साल भी अच्छी रही।
इस बार भी उत्तराखंड के होनहारों ने राज्य का नाम रोशन किया है। सिविल सेवा परीक्षा में राज्य के कुछ युवाओं के सफल होने की जानकारी सामने आई है।
इनमें से सबसे पहला नाम है रूद्रपुर की ईश्वर कॉलोनी निवासी गरीमा का, जिन्होंने पहले ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा में 39 वी रैंक हासिल की है।
आपको बता दें गरिमा ने पहले ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा में 39 वी रैंक प्राप्त की है। गरीमा के पिता बिपिन नरूला एक पैथोलॉजी लैब में प्रबंधक हैं और माता शारदा नरूला गृहणी हैं।
गरीमा ने साल 2017 में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में उधम सिंह नगर जिला टॉप भी किया था।वहीं राज्य का नाम रोशन करने वाले एक और अभ्यार्थी हैं दून निवासी मुकुल जमलोकी, जिन्होंने चौथी बार सफलता पाई, इन्होंने 161वीं रैंक हासिल की है।
वर्तमान में सीएजी कार्यालय कोलकाता में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्यरत हैं।
वहीं बागेश्वर में गरूड़ निवासी कल्पना पांडे की 102 रैंक आई है।
मूलरूप से पिथौरागढ़ और वर्तमान में दून निवासी हिमांशु सामंत ने परीक्षा में 348 वीं रैंक हासलि की है। मसूरी निवासी माधव भारद्वाज ने सिविल सेवा परीक्षा में 536 वीं रैंक हासिल की है।
इससे पहले उन्होंने यूपीपीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल की थी। वह वर्तमान में शामली में तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं।
बिना कोचिंग लिए तीसरे प्रयास में हल्द्वानी पीलीकोठी निवासी दीक्षिता जोशी ने यूपीएससी परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनकर देशभर में प्रदेश और जिले का मान बढ़ाने का काम किया है।