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पोषण माह में डिजिटल मंचों का करें प्रयोगः योगी आदित्यनाथ | Nation One
लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सितम्बर से शुरू हुए ‘पोषण माह’ में कोविड महामारी को देखते हुए डिजिटल मंचों का प्रयोग करने पर बल दिया है। उन्होंने प्रत्येक स्तर पर डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने का निर्देश दिया है।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पोषण माह के दौरान अति तीव्र कुपोषित और तीव्र कुपोषित (सैम,मैम) बच्चों की पहचान व प्रबन्धन की कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा पोषण वाटिका की स्थापना, स्तनपान व ऊपरी आहार को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि आईसीडीएस विभाग द्वारा सैम-मैम बच्चों की पहचान एवं चिन्हीकरण किया जाएगा। चिन्हित सैम/मैम बच्चों की समुदाय स्तर पर देखभाल के लिए पात्र परिवार तक सेवाएं पहुंचाई जाएंगी।
गर्भवती महिलाओं और 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों का गृह भ्रमण किया जाएगा। स्तनपान एवं ऊपरी आहार पर परामर्श प्रदान किया जाएगा। अनुपूरक पोषाहार वितरित किया जाएगा। पंचायतीराज विभाग के साथ मिलकर पौधा रोपण व पोषण वाटिका स्थापित की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा सैम-मैम बच्चों की पहचान, स्वास्थ्य जांच व आवश्यक उपचार के साथ-साथ चिकित्सा इकाइयों में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूक किया जाएगा। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा खाली जमीन पर पोषण वाटिका स्थापित करने में आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री को सहयोग किया जाएगा।
श्रमिक महिलाओं के बच्चों को पोषण अभियान के तहत लाभ दिया जाएगा। जरूरत के मुताबिक परिवारजनों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। पंचायतीराज विभाग प्रत्येक सप्ताह पोषण पंचायत का आयोजन करेगा तथा ग्राम पंचायत के तहत कुपोषण की स्थिति के अनुसार आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि पोषण माह के दौरान संचालित गतिविधियों की रिपोर्टिंग केन्द्र सरकार के जन-आन्दोलन डैश बोर्ड पर की जाएगी।