भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक यूआर राव का निधन

 नई दिल्ली


महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर यूआर राव का बीती रात नई दिल्ली के एक चिकित्सालय में 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे। हृदय में समस्या के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बीती रात 2:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली| इसरो के पूर्व अध्यक्ष यूआर राव को इसी साल पदमविभूषण से सम्मानित किया गया था। उडुपी रामचंद्रन राव को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास का श्रेय जाता है। उन्होंने 1972 में भारत में उपग्रह प्रौद्योगिकी के विकास की जिम्मेदारी ली थी और यह उनके समर्पित प्रयासों का ही नतीजा है कि आज इसरो दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण अंतरिक्ष संगठनों में से एक माना जाता है। प्रो. राव को अपने समय का महान वैज्ञानिक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन को राष्ट्रीय क्षति बताया है।

यूआर राव का जन्म कर्नाटक के अडामारू में दस मार्च 1932 को एक साधारण परिवार में हुआ था। राव ने इसरो अध्यक्ष और अंतरिक्ष सचिव के रूप में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी हैं। प्रोफेसर राव को अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन ने प्रतिष्ठित द 2016 आईएएफ हॉल ऑफ फेम में शामिल किया था। सन 2013 में सोसायटी ऑफ सेटेलाइट प्रोफेशनल्स इंटरनेशनल ने राव को सेटेलाइट हॉल ऑफ फेम, वाशिंगटन में शामिल किया था।  भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला (अहमदाबाद) की संचालन परिषद के अध्यक्ष राव के योगदान को देश ही नहीं, अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता दी जाती है। राव ने 1960 में अपने करियर की शुरुआत से ही भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास एवं प्राकतिक संसाधनों का दूर से पता लगाने के लिए तकनीकी अनुप्रयोगों के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है। वैज्ञानिक राव ने 1972 में भारत में उपग्रह प्रौद्योगिकी  की स्थापना की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने भारत के लिए आर्यभट्ट से लेकर मॉम यानी मार्स ऑर्बिट मिशन के लिए लगातार काम किया।

यूआर राव के दिशानिर्देशन में 1975 में पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट से लेकर 20 से अधिक उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया। राव ने भारत में प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी का भी विकास तेज किया, जिसके परिणामस्वरूप 1992 में एएसएलवी का सफल प्रक्षेपण किया गया। वैज्ञानिक यूआर राव के कार्यकाल को प्रसारण, शिक्षा, मौसम विज्ञान, सुदूर संवेदी तंत्र और आपदा चेतावनी के क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीक के इस्तेमाल के विकास के लिहाज से याद किया जाएगा। अंतरिक्ष विज्ञान में अहम योगदान के लिए भारत सरकार ने यूआर राव को 1976 में पद्म भूषण से सम्मानित किया। उन्हें इसी साल पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

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