UP News: स्वतंत्र देव सिंह का इस्तीफा, भाजपा तलाश रही नया मुखिया, क्या 2024 की राजनीति लेगी नया मोड, इस वर्ग का नाम हैं सबसे आगें | Nation One
UP News: यूपी में भाजपा का परचंम जबरदस्त तरीके से फैला हुआ है। इसी बीच यूपी ते प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया है।
जिसके तहत स्वतंत्र देव सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल उन्होनें यह इस्तीफा पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा है।
वहीं इसके बाद सवाल उठनें शुरू हो गए हैं कि आखिरकार किसके हाथ आएगी प्रदेश की कमान?
बता दें कि यूपी में भाजपा अध्यक्ष कौन होगा इसे लेकर गहन मंथन जारी है । अब देखना यह होगा कि 2024 के आम चुनाव में प्रदेश की कमान किसे सौंपी जाएगी।
UP News: क्या इन समुदाय से होगा नए अध्यक्ष
जैसे की हन जानतें हैं कि यूपी में पिछले 20 साल से कमान ब्राह्मण समुदाय के हाथों में है। जिसे लेकर अब भी ब्राह्मण चेहरों की चर्चा ज्यादा है।
वहीं दूसरी तरफ 2024 में होनेवाले आम चुनाव को लेकर भाजपा काफी सोच समझकर फैसले ले रही हैं।
औऱ हमेशा से भाजपा के फैसले सबको चौंका कर रख देते हैं। इसीलिए ये कहना काफी मुश्किल होगा कि कौन होगा यूपी में पार्टी का चेहरा।
बता दें कि कयास लगाए जा रहें हैं कि जातीय समीकरण देखें तो भाजपा इस बार ब्राह्मण चेहरा तलाश करेगी या फिर पिछड़ा वर्ग में किसी दलित और ओबीसी समुदाय का चुनाव करेंगी।
जानिए ब्राह्मणों में किन नामों की हैं चर्चा
जानकारी के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष के लिए पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, कन्नौज के सांसद और प्रदेश महामंत्री सुब्रत पाठक, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक के नाम सुर्खियों में है।
UP News: 20 साल से ब्राह्मणों ने संभाली है कमान
यूपी में प्रदेश अध्यक्ष की कमान 2004 से ब्राह्मण समुदाय नें ही संभाली हैं।
दरअसल 2004 में केशरीनाथ त्रिपाठी, 2009 के चुनाव में रमापति राम त्रिपाठी, 2014 में लक्ष्मीकांत वाजपेयी और 2019 में महेंद्र नाथ पांडेय ने यूपी की कमान संभाली थी।
जिस वजह से कयास लगने लाजमी हैं कि 2024 के चुनाव में भी भाजपा नए अध्यक्ष के रूप में ब्राह्मण चेहरा को ही पेश करेंगी।
ओबीसी, पिछड़ा और दलित समुदाय से भी हो सकते हैं अध्यक्ष
सूबे में 52 फीसदी से ज्यादा ओबीसी वोटर हैं । जिसका मतलब वह किसी भी पार्टी का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं।
देखा जाए तो पार्टी का इन दलों में से प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करना राजनीति में नया मोड होगा।
जहां एक तरफ दौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति की कमान मिली वहीं प्रदेश अध्यक्ष की दलित समुदाय के हाथ लगना लाजमी हो सकता है।
हालांकि जो पकड़ केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्र देव सिंह ने ओबीसी मतदाताओं पर बनाई है, बीजेपी उसे खोना नहीं चाहेगी ।
UP News: जानिए ओबीसी के किन चेहरों पर है नजर
मिली जानकारी के मुताबिक, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी अहम दावेदार है।
दरअसल बीएल वर्मा ओबीसी के लोध समुदाय से आते हैं। औऱ भूपेंद्र सिंह चौधरी और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, जाट समुदाय से आते हैं । बता दें कि इनके नामों का भी काफी चर्चा हैं।
ये दलित चेहरे भी हैं प्रदेश अध्यक्ष की रेस में
जहां बीजेपी अब लगातार दलित वोटों पर फोकस कर रही है। तो ऐसे में कुछ चेहरे दलित समुदाय सें भी सामने आ रहे हैं ।
इस रेस में केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, कौशांबी के सांसद विनोद कुमार सोनकर, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य और इटावा के सांसद राम शंकर कठेरिया शामिल हैं।