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31661 पदों पर सहायक अध्यापकों की नियुक्ति को यूपी हाईकोर्ट में चुनौती | Nation One
प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत 31661 पदों पर नियुक्ति करने को चुनौती दी गई है. आरोप है कि कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में बुलाया गया है जबकि, उससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी काउंसिलिंग से वंचित किए गए हैं. कोर्ट ने इस मामले में बेसिक शिक्षा परिषद व राज्य सरकार से जानकारी मांगी है. अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी.
संजय कुमार यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने बहस की. उनका कहना था कि याची ने मीरजापुर जिले से आवेदन किया था. ओबीसी वर्ग में उसका शैक्षणिक गुणांक 69.5 है लेकिन, उसे काउंसिलिंग के लिए नहीं बुलाया गया जबकि, ओबीसी वर्ग में ही उससे कम 68.5 शैक्षणिक गुणांक से भी कम पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में बुलाया गया है.
दूसरी ओर राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्य स्थायी अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडेय व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता संजय कुमार सिंह व बेसिक शिक्षा परिषद के वकील अरुण कुमार का कहना था कि नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में की गई है. सारी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में की जा रही है. इस मामले में अभी सिर्फ पहले चरण की भर्ती हो रही है.
आपको बता दें कि शीर्ष कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती के सापेक्ष 31661 पदों पर नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू हुई. परिषद ने सोमवार को 31277 अभ्यर्थियों की अनंतिम सूची जारी की थी. सभी जिलों में बुधवार व गुरुवार को काउंसिलिंग कराई गई. इसमें अभ्यर्थियों के सभी शैक्षिक व प्रशिक्षण मूल अभिलेखों का भर्ती के लिए आनलाइन आवेदन रिकार्ड से मिलान कराया गया.
इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने आवास पर पांच अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपकर कार्यक्रम की शुरुआत की. साथ ही प्रदेश के 68 जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर प्रभारी मंत्री सांसद व विधायक द्वारा नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं. अभी 31,277 चयनित अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे. इसके बाद बचे हुए पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं.