UP : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त प्रशासक वाला चेहरा जितना चर्चित है, उतना ही जाना-पहचाना है उनका संवेदनशील और जनकल्याणकारी रूप। इसका एक और जीवंत उदाहरण हाल ही में देखने को मिला, जब गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन के दौरान एक मासूम बच्ची ने मुख्यमंत्री से पढ़ाई के लिए मदद की गुहार लगाई। बच्ची की मासूम फरियाद ने सीएम का दिल छू लिया और उन्होंने तत्काल स्कूल में दाखिले के निर्देश देकर उसकी ख्वाहिश पूरी कर दी।
UP : क्या था मामला?
रविवार को गोरखपुर में जनता दर्शन का आयोजन हुआ, जहां हर बार की तरह सैकड़ों लोग अपनी समस्याएं लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। उन्हीं में से एक थी आठ साल की आरती (परिवर्तित नाम), जो अपनी मां के साथ पहुंची थी। आरती ने खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर कहा कि वह पढ़ना चाहती है लेकिन उसके पास स्कूल में दाखिले का कोई साधन नहीं है।
बच्ची के चेहरे पर पढ़ने की ललक और उम्मीद भरी आंखें देखकर मुख्यमंत्री खुद को रोक नहीं सके। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्ची का तत्काल किसी अच्छे स्कूल में दाखिला कराया जाए और उसकी पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन उठाए।
UP : मुख्यमंत्री ने कहा – “बच्चों की शिक्षा से कोई समझौता नहीं”
मुख्यमंत्री ने बच्ची से बात करते हुए कहा, “बेटा, अब तुम्हारी पढ़ाई रुकेगी नहीं। तुम मन लगाकर पढ़ो, सरकार तुम्हारे साथ है।“ इसके साथ ही उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्ची के दाखिले से लेकर यूनिफॉर्म, किताबें, बैग और जूते-मोजे तक की सारी जिम्मेदारी सरकार उठाए।
सीएम ने अफसरों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि “हर जरूरतमंद बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए। किसी भी बच्चे को सिर्फ आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए।”
UP : तेजी से हुआ ऐक्शन, बच्ची का हुआ स्कूल में एडमिशन
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आया। बच्ची का नाम पास के एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय में दर्ज कर लिया गया। उसी दिन उसके लिए स्कूल ड्रेस, किताबें और स्टेशनरी की व्यवस्था कर दी गई।
आरती की मां ने भावुक होते हुए कहा, “हमने सोचा नहीं था कि मुख्यमंत्री जी खुद इतने ध्यान से मेरी बेटी की बात सुनेंगे और उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाएंगे। यह हमारे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।”
UP : जनता दर्शन बना उम्मीदों का मंच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लगातार चलाए जा रहे जनता दर्शन कार्यक्रम ने आम लोगों की समस्याओं के समाधान का सशक्त माध्यम बनकर जनता का भरोसा जीता है। हर रविवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम खुद जनता से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनकर तत्काल समाधान के निर्देश देते हैं।
बच्ची की स्कूल में दाखिले की यह घटना बताती है कि जनता दर्शन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जनसेवा का जीवंत उदाहरण बन चुका है। यहां कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी वर्ग, आयु या परिस्थिति का हो, सीएम से सीधे मिलकर अपनी समस्या रख सकता है।
UP : राजनीतिक विश्लेषकों की भी सराहना
राजनीतिक विश्लेषकों ने भी इस पूरे मामले की सराहना करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ का यह कदम न सिर्फ प्रशासनिक संवेदनशीलता का उदाहरण है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश की सरकार गरीब और वंचित वर्ग के प्रति कितनी जागरूक और प्रतिबद्ध है।
आरती जैसी बच्चियों के लिए शिक्षा की राह आसान बनाना सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी का अहम हिस्सा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम न सिर्फ एक बच्ची की जिंदगी को नया मोड़ देगा, बल्कि समाज को यह संदेश भी देगा कि अगर इरादे मजबूत हों, तो हर बच्चा पढ़ सकता है, आगे बढ़ सकता है।
जनता दर्शन की यह कहानी एक उदाहरण है, लेकिन इसके पीछे की भावना लाखों जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की किरण है। जब एक बच्ची की मासूम आवाज इतनी दूर तक सुनाई दे सकती है, तो यकीन कीजिए, कोई भी आवाज बेअसर नहीं जाती, बस सच्ची मंशा होनी चाहिए।
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