उज्जैन : महाकाल मंदिर के निकट खुदाई में मिला विशाल शिवलिंग, पढ़ें पूरी खबर | Nation One
उज्जैन : महाकाल मंदिर के समीप खोदाई में एक विशाल शिवलिंग मिला है। विशाल शिवलिंग मिलने से महाकाल मंदिर परिसर में प्राचीन समय में मंदिरों की शृंखला स्थापित होने की बात सामने आ रही है। मामले की जानकारी पुरातत्व विभाग को दी गई है।
मंदिर प्रबंधन खोदाई किए जाने वाले स्थान को सुरक्षित कर दिया है। बता दें कि दो दिन पहले ही बारिश के चलते विभाग ने यहां खोदाई का काम बंद किया था। हालांकि लगातार बारिश के चलते मिट्टी के हटने से शिवलिंग दिखाई देने लगा।
महाकाल मंदिर परिसर में दो माह से खुदाई का कार्य किया जा रहा है। खुदाई में धर्म, संस्कृति, स्थापत्यकला और प्राचीन इतिहास से जुड़े कई तथ्य सामने आ चुके हैं।
मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग द्वारा की जा रही खुदाई में अब तक पुरातन मंदिर का आधार भाग, स्थापत्यखंड, शुंग और कुषाण काल में निर्मित मिट्टी के बर्तन तथा ब्लैक बेसाल्ट का विशाल परिक्रमा पथ मिल चुका है।
अब मंगलवार को विशाल शिवलिंग मिला। मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया शिवलिंग को सबसे पहले मजदूरों ने देखा और मंदिर प्रशासन को सूचना दी थी।
जानकारी पर मंदिर प्रबंधन के अधिकारियों ने खुदाईस्थल का निरीक्षण किया। प्रथम दृष्टया शिवलिंग और जलाधारी नजर आ रही है। मूलचंद जूनवाल ने बताया कि इस स्थान पर पुरातत्व विभाग खोदाई कर रहा है। इस कारण शिवलिंग के आसपास से मिट्टी नहीं हटाई गई है। उस स्थान को सुरक्षित करा दिया गया है।
मामले की सूचना पुरातत्व विभाग के शोध अधिकारी डा.ध्रुवेंद्रसिंह जोधा को दी गई है और आगे की खुदाई का कार्य उनके मार्गदर्शन में किया जाएगा। शोध अधिकारी डा.ध्रुवेंद्रसिंह जोधा ने बताया पुरातत्व विभाग ने बारिश के कारण रविवार से खुदाई का काम बंद कर रखा है।
शिवलिंग निकलने वाले स्थान पर हमारे द्वारा की जा रही खुदाई में पत्थर की लेयर नजर आ रही थी। दो दिन की बारिश में मिट्टी के हटने से शिवलिंग का भाग दिखाई देने लगा है। शुक्रवार तक यथास्थिति कायम रहेगी। इसके बाद विभाग दल शिवलिंग को सुरक्षित बाहर निकालेगा और खुदाई करेगा।
परमहंस संत डा.अवधेशपुरीजी महाराज ने कहा कि महाकाल मंदिर के सीपम खुदाई में पुरातन मंदिर का भाग, स्थापत्यखंड, मूर्तियां और अब विशाल शिवलिंग मिला है। उन्होंने कहा कि यह स्थान आने वाले समय में शैव दर्शन का बड़ा शोध केंद्र बनेगा।
उन्होंने कहा कि मैंने एक सप्ताह पहले ही संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नई दिल्ली को पत्र लिखकर यहां शोध केंद्र स्थापित करने की मांग की है।