U 17 World Championship: 32 साल बाद भारत ने ग्रीको रोमन में जीता गोल्ड, 16 वर्ष के सूरज वशिष्ठ ने किया खिताब हासिल | Nation One
U 17 World Championship: भारत का युवा हर क्षेत्र में इतिहास रच रहा है। फिर चाहे वह पढ़ाई का क्षेत्र हो या खेल का। जहां एक तरफ नीरज चौपड़ा ने नाम कमाया है वहीं अब सूरज वशिष्ठ नें नया इतिहास रच दिया है।
बता दें कि रोम में खेली गई अंडर-17 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत के युवा सूरज वशिष्ठ ने गोल्ड मेडल जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है ।
जानकारी के अनुसार, 16 वर्षीय सूरज ग्रीको रोमन प्रतियोगिता में शामिल थे जिसके तहत भारत को 32 साल बाद गोल्ड मेडल मिला है।
U 17 World Championship: बजरंग पूनिया ने दी बधाई
बताया जा रहा है कि सूरज हरियाणा के रोहतक से हैं। हालाकिं इस जीत पर सूरज को देश के नामी पहलवान बजरंग पूनिया ने भी बधाई दी है।
बजरंग ने ट्वीट कर लिखा, ‘सूरज ने रचा इतिहास. 32 साल बाद देश को दिलाया U17 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक. बहुत-बहुत बधाई छोटे भाई आपको और ऐसे ही आगे बढ़ते रहो और देश के लिए मेडल जीतें रहो. जय हिन्द.’
जानकारी के अनुसार, सूरज ने यह पदक 55 किलो भार वर्ग में जीता है। उन्होनें फाइनल में यूरोपियन चैंपियन अजरबेजान के फरएम मुस्तफायेव को 11-0 से शिकस्त देकर यह मेडल जीता है।
हालांकि सूरज के अलावा अलग-अलग वर्गों में भारत के 5 और रेस्लर फाइनल में पहुंचे थे लेकिन कोई जीत हासिल नहीं कर पाया ।
बता दें कि सूरज से पहले पप्पू यादव ने1990 में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था ।
क्या होता हैं ग्रीको रोम खेल ?
जानकारी के लिए बता दें कि ग्रीको रोम एक अलग तरह की रेसलिंग है । इसमें पहलवान को कमर से ऊपर ही अपने दाव चलने होते हैं।
जिसका मतलब कोई भी पहलवान कमर से नीचे नहीं पकड़ सकता और न ही अपने पैरों से अटैक कर सकते हैं ।
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देखा जाए तो इस खेल में तेजी, जोश और ताकत अतिआवश्यक हैं । साथ ही खिलाड़ी को लगातार अपने प्रतिद्वंदी पर हावी होना होता है ।
ग्रीको रोम रेसलिंग में रेसलर ब्लॉक, होल्ड, थ्रो और टेकडाउन में अंक बटोरता हैं ।