एक ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में हर 10वां व्यक्ति थायरॉइड के विकार से पीड़ित है। इंडियन थायरॉइड सोसाइटी द्वारा किए गये खुलासे में बताया गया है कि देश में थायराइड के मामले अधिक तेजी से बढ़े हैं। खासतौर से महिलाओं में ज्यादा इसकी शिकायत पाई गई है। शोधकर्ताओं के अनुसार जागरुकता के अभाव में यह बीमारी बढ़ रही है। थाइरॉइड की वजह से अस्थमा, कोलेस्ट्रॉल की समस्या, डिप्रेशन, डायबिटीज, इंसोमनिया (अनिद्रा)और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा है। चिकित्सकों के अनुसार कुछ खास चीजों को भोजन में शामिल करने से थाइरॉइड बढ़ जाता है। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि थाइरॉइड के दौरान किन चीजें को खाने से परहेज करना चाहिए।
– आयोडीनयुक्त भोजन का सेवन इसके मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है। थायरॉइड ग्रंथि हमारे शरीर से आयोडीन लेकर थायरॉइड हार्मोन पैदा करते हैं, इसलिए हाइपोथायरॉइड है तो आयोडीन की अधिकता वाली खाने-पीने की चीजों से जीवनभर दूरी बनाए रखें। सी फूड और आयोडीन वाले नमक को पूरी तरह नजरअंदाज करें।
-कैफीन से सामान्यतौर पर सीधे थायरॉइड नहीं बढ़ता, लेकिन यह उन परेशानियों को बढ़ा देता है, जो थायरॉइड की वजह से पैदा होती हैं, जैसे बेचैनी और नींद न आना इत्यादि।
– रेड मीट यानी लाल मांस में कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त बसा होती है। इससे वजन तेजी से बढ़ता है। थायरॉइड वालों का वजन तो वैसे ही बहुत तेजी से बढ़ता है। इसलिए इससे परहेज करें। इसके अलावा रेड मीट खाने से थायरॉइड वालों को बदन में जलन की शिकायत होने लगती है।
-एल्कोहल यानी शराब, बीयर वगैरा शरीर में एनर्जी के लेवल को प्रभावित करता है। इससे थायरॉइड की समस्या वाले लोगों की नींद में दिक्कत की शिकायत और बढ़ जाती है। इसके अलावा इससे ओस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।
– वनस्पति घी के निर्माण में हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को खत्म करते हैं और बुरे को बढ़ावा देते हैं। बढ़े थायरॉइड से जो परेशानियां पैदा होती हैं, ये उन्हें और बढ़ा देते हैं। ध्यान रहे इस घी का इस्तेमाल खाने-पीने की दुकानों में जमकर होता है। इसलिए बाहर का तला हुआ भोजन करने से परहेज करें।