![मानवता को शर्मसार करती है झांसी की ये कुप्रथा, पढ़े पूरी खबर](https://nationone.tv/wp-content/uploads/2020/01/1-5.png)
मानवता को शर्मसार करती है झांसी की ये कुप्रथा, पढ़े पूरी खबर
झांसी से हम आपको एक ऐसी कुप्रथा से सामना कराने वाले हैं, जो मानवता को शर्मसार करने के साथ कानून की भी धज्जियां उड़ाने वाली है। बात करते हैं बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में होने वाले खूनी खेल की। जहां होता है जानवरों का खूनी खेल।
इस पर्व पर शिकार करने अथवा खूनी खेल खेलने को मध्यप्रदेश से सटी सीमाओं से दूर-दूर से लोग आते हैं। इसके लिए शिकारी खासी तैयारियां करते है। उच्च मानक क्षमता वाली दुरबीन युक्त राइफल, कारतूस व अन्य संसाधन इकट्ठे करते है और जंगली जानवरों को अपना निशाना बनाते है। वहीं कुछ शिकारी फंदा लगाकर जाल की मदद से भी शिकार करते है। अपनी-अपनी सुविधा व युक्ति अनुसार शिकारी शिकार करके पशुओ की खाल सींग व माँस लेकर चम्पत हो जाते है।
जानवरों में मुख्यतः हिरण और सुअर शामिल है। उक्त दोनों जानवर न मिलने पर ये छोटे छोटे जानवरों जैसे खरगोश और मोर को निशाना बनाते है। जनपद में जंगली जानवरों की कमी नहीं है। ऐसे में शिकारियों को जानवरों को ढूढ़ने में खासा मेहनत नही करनी पड़ती।
स्थानीय शिकारियों के अलावा पड़ोसी प्रान्त मप्र के सागर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, दतिया, टीकमगढ़ से भी लोग खूनी खेल खेलने आते है। इन सब की जानकारी होते हुए भी प्रशासन मौन रहता है। जबकि जंगली जानवरों का शिकार करना वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9,50,51 के तहत मामला दर्ज किया जाता है।