ये है रावण का सच… जो शायद ही जानते होंगे आप…!

हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी लोग राम सीता और रावण के बारे में अच्छी तरह जानते होंगे फिर भी रावण से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य भी है जो शायद आपने एक साथ कही नही पढ़े होंगे। आज हम आपको विजयदशमी के अवसर पर रावण से जुड़ी कुछ रोचक बातें बता रहे है जो शायद ही आप जानते होंगे…

  • कई स्थानों पर आज भी होते है रावण की पूजा…

दक्षिणी भारत और दक्षिण पूर्वी एशिया के कई हिस्सों में रावण की पूजा की जाती है और अनेको संख्या में उसके भक्त है। कानपुर में कैलाश मन्दिर में साल में एक बार दशहरे के दिन खुलता है जहा पर रावण की पूजा होती है। इसके अलावा रावण को आंध्रप्रदेश और राजस्थान के भी कुछ हिस्सों में पूजा जाता था।

  • रावण ने किया था रामेश्वरम में भगवान राम के लिए यज्ञ…

राम जी को जब रावण को हरान के लिए समुद्र पार कर लंका जाना था तो जब काम शुरू करने के एक रात पहले उन्होंने यज्ञ की तैयारी की और रामेश्वरम में भगवान शिव की आराधना करने का निश्चय किया। अब जब वो सबसे शक्तिशाली व्यक्ति से युध्ह करने को जा रहे थे तो यज्ञ के लिए भी उनको एक विद्वान पंडित की आवश्कता थी। उन्हें जानकारी मिली कि रावण खुद एक बहुत बड़ा विद्वान है। राम जी ने रावण को यज्ञ के लिए न्योता भेजा और रावण शिवजी के यज्ञ के लिए मना नही कर सकता था। रावण रामेश्वरम पहुचा और उसने यज्ञ पूरा किया। इतना ही नही जब यज्ञ पूरा हुआ तब राम जी ने रावण से उसी को हराने के लिए आशीर्वाद भी माँगा और जवाब में रावण ने उनको “तथास्तु ” कहा था।

  • एक बार रावण बाली से हो चूका था पराजित…

रावण बाली से एक बार पराजित हो चूका था। कहानी इस प्रकार है कि बाली को सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त था और रावण शिवजी से मिले वरदान के अहंकार से बाली को चुनौती दे बैठा। बाली ने शुरुवात ने ध्यान नहीं दिया लेकिन रावण ने जब उसको ज्यादा परेशान किया तो बाली ने रावण के सिर को अपनी भुजाओं में दबा लिया और उड़ने लगा। उसने रावण को 6 महीने बाद ही छोड़ा ताकि वो सबक सीख सके।

  • रावण था एक आदर्श पति और आदर्श भ्राता…

रावण के बहुत से नाम थे जिसमे दशानन सबसे लोकप्रिय नाम था। रावण एक आदर्श भाई और एक आदर्श पति था। एक तरह उसने अपनी बहन सूर्पनखा के अपमान का बदला लेने के लिए इतना बड़ा फैसला लिया जो उसकी मौत का कारण था। दूसरा उसने अपनी पत्नी को बचाने के लिए उस यज्ञ से उठ गया जिससे वो राम जी की सेना को तबाह कर सकता था। इसके अलावा जब कुंभकर्ण को ब्रह्मा जी से हमेशा के लिए नीदं में सो जाने का वरदान मिला था तब रावण ने वापस तपस्या करके इसकी अवधि को 6 महीने किया था।

  • एक श्राप की वजह से नही कर सका रावण माता सीता को स्पर्श…

ऐसा कहा जाता है कि एक बार रावण महिलाओं के प्रति बहुत जल्द आसक्त होता था। अपनी इसी कमजोरी के कारण जब वो नालाकुरा की पत्नी को अपने वश में करने की कोशिश करता है वो स्त्री उनको श्राप देती है कि रावण अपने जीवन किसी भी स्त्री को उसकी इच्छा के बिना स्पर्श नही कर सकता वरना उसका विनाश हो जाएगा। यही कारण था कि रावण ने सीता को नही छुआ था।

  • एक बार रावण ने किया था भगवान राम के लिए यज्ञ…

रामायण में एक जगह यह भी बताया गया है कि रावण में भगवान राम के लिए यज्ञ किया था। वो यज्ञ करना रावण के लिए बहुत जरुरी था क्योंकि लंका तक पहुचने के लिए जब राम जी की सेना ने पुल बनाना शुरू किया था तब शिवजी का आशीर्वाद पाने से पहले उसको राम जी का आराधना करनी पड़ी थी। रावण तीनो लोगो का स्वामी था और उसने न केवल इंद्र लोग बल्कि भूलोक के भी एक बड़े हिस्से को अपने असुरो की ताकत बढ़ाने के लिए कब्जा किया था |