Ram Mandir के लिए होगा इन लकड़ियों का इस्तेमाल, जानें कहां से आएंगी, सामने आई तस्वीर | Nation One
Ram Mandir : 9 नंवबर, 2019 ही वो तारीख थी…जब देश की सर्वोच्च अदालत ने राम नगरी अयोध्या में अपने अभूतपूर्व निर्णय से राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था।
कोर्ट ने अपने निर्णय में हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिमों की भी आस्था की परवाह करते हुए मस्जिद निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने का निर्देश दिया था। इस फैसले के बाद देश के करोड़ों राम भक्तों में हर्ष की लहर दौड़ गई थी। सभी ने दिल खोलकर उक्त फैसले का स्वागत किया था।
वहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सर्वोच्च अदालत के फैसले को गले से लगाने में कोई गुरेज नहीं किया और साथ ही इस बात पर खुशी जताई कि अब दशकों से चला रहा विध्वंसक और रक्तरंजित विवाद अपने विराम अवस्था पर पहुंच चुका है, लेकिन कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने कोर्ट के फैसले में भी अपने लिए तुष्टिकरण की राजनीति के अवसर तलाशते हुए उक्त फैसले को चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल की, लेकिन अफसोस इन्हें निराशा ही हाथ लगी।
सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी गईं और एक बार फिर से कोर्ट ने स्पष्ट संकेत दे दिए कि अब चाहे कुछ भी हो जाए विवादित धरा पर मंदिर का निर्माण तो होकर ही रहेगा। आइए अब जरा इस फैसले को राजीतिक चश्मे से देखते हैं।
Ram Mandir : क्या हैं फैसले के सियासी मायने?
जरा इस बात पर ध्यान दीजिएगा..साल 2019 में चुनाव संपन्न होने के चंद माह उपरांत ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित धरा पर राम मंदिर निर्माण का फैसला सुनाया था। जिसके कुछ माह बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। बता दें कि राम मंदिर निर्माण की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। अब इसे धरातल पर उतारने की दिशा में काम किया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक मंदिर निर्माण से जुड़े 60 फीसद कार्य संपन्न हो चुके हैं और बाकी के कार्य कुछ माह उपरांत संपन्न कर लिए जाएंगे। कई मौकों पर सार्वजनिक मंच से सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक मंदिर निर्माण के संपन्न होने के संकेत दे चुके हैं।
आपको बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए नेपाल से शालीग्राम पत्थर मांगाए गए थे। विशाल संख्या में ये पत्थर मंगाए गए हैं। इतना ही नहीं, नेपाल सरकार ने खुद राम मंदिर निर्माण की दिशा में अपने द्वारा दिए जा रहे योगदान का जिक्र किया था।
Ram Mandir : सागवान लकड़ी का चयन
वहीं, राम मंदिर निर्माण के दरवाजे के लिए हाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर की श्रेष्ठतम सागवान लकड़ी का चयन किया गया है, जिसे जल्द ही अयोध्या लाया जाएगा ।
इसके अलावा मंदिर के द्वारों हेतु काष्ठ, संतों और भक्तों द्वारा पूजन के पश्चात अयोध्या के लिए दिनांक 29 मार्च को रवाना होगी। वहीं, इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर भी साझा किए गए हैं। आइए, आगे हम आपको इन तस्वीरों के बारे में विस्तार से बताते हैं, ताकि आप इसके बारे में विस्तार से समझ सकें।
वहीं, सोशल मीडिया पर रामभक्त इन तस्वीरों को देखकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगर सबकुछ तय प्रक्रियाओं के अनरूप होता रहा , तो आगामी दिनों में राम मंदिर निर्माण जो कि अभी योजनाओं की परिधि तक ही सिमटा हुआ है, जल्द ही मूर्त रूप लेगा, जो कि हम सभी राम भक्तों के लिए खुशी का पल है।
वहीं, देखना होगा कि आगामी दिनों में जब राम मंदिर निर्माण कार्य संपन्न हो जाएगा, तो राम भक्तों के साथ-साथ सियासी बिरादरी से जुड़े लोगों की क्या प्रतिक्रिया रहती है।
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