कई मुद्दों को लेकर सदन में चल रही है गरमागरम बहस…
आजकल उत्तराखंड में विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। जो 3 दिसंबर से शुरू हुआ और 10 दिसंबर तक चलेगा। वहीं कई मुद्दों को लेकर सदन में गरमागरम बहस भी चल रही है।
आज हम आपको पिछले तीन दिन में सदन में क्या-क्या हुआ उसके बारे मे बताने जा रहे हैं।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस ने सड़क से लेकर सदन तक प्रदर्शन किया। सदन में कांग्रेस विधायकों ने गले में प्याज की माला और हाथों में रसोई गैस सिलेंडर के प्ले कार्ड प्रदर्शित कर विरोध जताया।
सरकार को घेरते हुए विपक्ष ने कहा कि आसमान छूती महंगाई को थामने में अभी तक सरकार नाकाम रही है। ऐसे में आमजन का जीना दुश्वार हो गया है।
हालांकि, सरकार की ओर से जवाब देते हुए इस सत्र के लिए संसदीय कार्य मंत्री का जिम्मा संभाल रहे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि महंगाई समवर्ती सूची का विषय है।
राज्य में कीमतों पर अंकुश को उठाए गए सरकार के कदम पूरी तरह सफल रहे हैं। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सरकार ने नौ विधेयक सदन में पेश किए। इनमें छह अध्यादेश विधेयक के रूप में और शेष नए विधेयक शामिल हैं।
वहीं विधानशभा सत्र के दूसरे दिन 2533. 90 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश, हुआ और तीन विधेयक पारित भी हुए। सरकार ने प्रदेश में वेतन, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर करीब 2533.90 करोड़ के बजट को पेश किया।
इसके साथ ही उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड, उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग और राज्य खाद्य आयोग के वार्षिक प्रत्यावेदन भी सदन के पटल पर रखे गए।
सदन में दो संशोधन विधेयकों के अधिनियम बनने की जानकारी भी दी गई। सदन में जो अध्यादेश विधेयक के रूप में पेश किए गए उसमें भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 संशोधन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण अधिनियम 1993 संसोधन, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (संशोधन), उत्तराखंड पंचायतीराज द्वितीय संशोधन और उत्तराखंड भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुविधा शामिल है।
पेश किए गए नए विधेयकों में उत्तराखंड फल पौधशाला विधेयक, उत्तराखंड राज्य विधानमंडल निवारण संशोधन,विधेयक और उत्तराखंड माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक हैं। इन विधेयकों को कैबिनेट ने हाल में मंजूरी दी थी।
अब देखना होगा सरकार कितनी आसानी से बचे हुए प्रस्तावो को पारित करा पाते हैं।
इस दौरान कांग्रेस सरकार को मंहगाई पर जमकर घेर रही हैं ,और सड़क और संसद को लेकर हो हल्ला भी कर रही है।
फिलहाल 10 तक चलने वाले विधानसभा सत्र में क्या कुछ होता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।