हथिनी की मौत पर हाथों को लाल कर युवाओं ने अनोखे तरीके से दी श्रद्धांजलि, पढ़े पूरी खबर | Nation One
केवल मनोरंजन के लिए बारूद खिलाकर मौत के घाट उतार दी गई केरल में बेजुबान गर्भवती हथिनी के लिए युवा इंसाफ मांग रहे है। हथिनी की निर्मम हत्या से पूरे देश मे जबरदस्त आक्रोश है। हरिद्वार में आर्मी फ़ॉर एनिमल के युवाओं ने हथिनी के लिए इंसाफ की मांग करते हुए आज हथिनी को अनोखे तरीके से श्रद्धांजलि दी।
युवाओं ने हथिनी के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की युवाओं ने आज गंगा घाट पर इकठ्ठे होकर अपने हाथों को लाल रंग से रंग लिया। इसके बाद उन्होंने खून रंगे हाथों से हथिनी की हत्या पर अफसोस जताते हुए हथिनी के लिए गंगा में दीप दान कर श्रद्धांजलि दी। युवाओं ने केरल सरकार से हथिनी के हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग भी की।
एक जानवर की जान आज इंसानों ने ली है। यह बताता है कि आज इंसान जानवर बन गया है। आज इंसान इतना नीचे गिर गया है कि वह मात्र अपने मजे के लिए बेजुबान जानवरो के साथ वहशीपन की सारी हदें पार कर रहा है। केरल में गर्भवती हथिनी के साथ जो कुछ हुआ उसने इंसानियत को शर्मशार कर दिया है। पूरा देश हथिनी के साथ हुए वहशीपन से स्तब्ध है और जबरदस्त गुस्से में है।
आज हरिद्वार के युवाओं ने अपने हाथों को लाल रंग से रंगकर यह दर्शाने की कोशिश की है कि हम इंसानों के हाथ बेजुबान हथिनी के खून से रंगे हुए है। आर्मी फ़ॉर एनिमल के युवाओं ने आज अग्रसेन घाट पर इकठ्ठा होकर और हाथों को लाल रंग से रंग कर हथिनी की मौत पर दुख जताया।
युवाओं ने कहा कि आज हम केरल में हथिनी की क्रूरतापूर्वक हुए हत्या से सदमे में है। हमने हाथों में यह लाल रंग इसलिए लगाया है कि हम यह दिखाना चाहते है कि आज हम इंसान बेजुबान जानवरो के साथ किस तरह का वहशीपन दिखा रहे है।
युवाओं ने हथिनी के लिए इंसाफ की मांग की, युवाओं ने गंगा में दीप दान किया और हथिनी की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। युवाओं ने केरल सरकार से हथिनी के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की।
युवाओं ने कहा सिर्फ अपने मज़ाक के लिए हम इंसानो को कोई हक नही है कि हम किसी बेजुबान की जान ले। गर्भवती हथनी की मौत से दो निर्दोष जिंदगी तो खत्म ही हुई, इस घटना से इंसानियत भी शर्मशार हुई है। हम इंसान अगर इन बेजुबानो को जिंदगी और सही संरक्षण नही दे सकते तो हमे इन बेजुबानो को जान लेने का भी कोई हक नही है।
हरिद्वार से वंदना गुप्ता की रिपोर्ट