इस वजह से बंद हुई दुनिया की सबसे पुरानी ट्रैवल कंपनी ‘थॉमस कुक’
दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेवल कंपनियों में शामिल थॉमस कुक रविवार रात को बंद हो गई। 178 साल पुरानी ब्रिटिश टूर ऑपरेटर लंबे समय से फंड की कमी से जूझ रही थी। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि बंद करने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं था।
1841 में थॉमस कुक ने की थी कंपनी की स्थापना…
थॉमस कुक ने 1841 के ट्रेवल इंडस्ट्री में कदम रखते हुए कंपनी की स्थापना की थी। शुरू में वह ब्रिटेन के शहरों के लिए सेवाएं देती थी। जल्द कंपनी विदेशी ट्रिप कराने लगी। 1855 में कंपनी पहली ऐसी ऑपरेटर बनी जो ब्रिटिश यात्रियों को एस्कॉर्ट ट्रिप पर यूरोपीय देशों में ले जाने लगी। इसके बाद 1866 में कंपनी अमेरिका का टूर करना और 1872 में पूरी दुनिया के टूर सर्विस देने लगी।
कारोबार जारी रखने के लिए 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की जरूरत…
कंपनी के बंद होने से 22,000 लोगों की नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है, जिसमें से 9,000 कर्मचारी यूके के हैं। कंपनी के बंद होने से ना सिर्फ कर्मचारी बल्कि ग्राहक,सप्लायर और कंपनी के पार्टनर भी प्रभावित हुए है। थॉमस कुक के चीफ एक्जिक्यूटिव पीटर फैंकहॉजर ने ग्राहकों, सप्लायर्स, कर्मचारी और पार्टनर्स से माफी मांगी। कंपनी ने शुक्रवार को कहा था कि कारोबार जारी रखने के लिए उसे 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की जरूरत है। इससे पहले पिछले महीने कंपनी ने 90 करोड़ पाउंड जुटाए थे।
सभी बुकिंग्स रद्द कर दी गई…
मामले में यूके की नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAA) ने कहा है कि 23 सितंबर से लेकर छह अक्टूबर तक रेगुलेटर व सरकार 150,000 से अधिक ब्रिटिश ग्राहकों को घर वापस लाने के लिए मिलकर काम करेंगे। सीएए ने ट्वीट कर बताया कि सभी बुकिंग्स रद्द कर दी गई हैं।
Thomas Cook Group, including the UK tour operator and airline, has ceased trading with immediate effect.
All #ThomasCook bookings, including flights and holidays, have now been cancelled.
Visit: https://t.co/g4G2b6RlHc pic.twitter.com/BxJMv5Yaw1
— UK Civil Aviation Authority (@UK_CAA) September 23, 2019
समय से फंड की कमी से जूझ रही कंपनी…
दुनिया की सबसे पुरानी ट्रेवल कंपनी लंबे समय से फंड की कमी से जूझ रही थी और बैंकों की एक समिति ने अतिरिक्त फंड की उसकी मांग पर फैसला रोक दिया था। पिछले महीने अगस्त में थॉमस कुक ने चीन की शेयरहोल्डर फोसुन के साथ एक सौदे की शर्तों पर सहमति जताई थी। यह सौदा 1.1 अरब डॉलर का था। लेकिन यह निवेश रुक गया।
रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने दिया झटका…
रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड (आरबीएस) ने भी कंपनी को झटका दिया था। बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा था कि कंपनी के 20 करोड़ पाउंड की अतिरिक्त फंड की मांग को मंजूरी नहीं दी गई। बता दें कि आरबीएस पिछले कई वर्षों से कंपनी को मदद उपलब्ध कराता रहा है।
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