पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव होगा वापस, कर्मियों की हड़ताल खत्म | Nation One
लखनऊः बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं का सोमवार से शुरू हुआ प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार मंगलवार शाम को समाप्त हो गया.विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और प्रदेश सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की कैबिनेट उप समिति के बीच वार्ता में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की सहमति बनी, इसके बाद कार्य बहिष्कार समाप्त करने का एलान हुआ.दोनों मंत्रियों और मुख्य सचिव आरके तिवारी की मौजूदगी में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व पावर कार्पोरेशन प्रबंधन के बीच समझौते पर दस्तख किए गए.
निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से सोमवार और मंगलवार दो दिन पूर्वांचल सोनभद्र, मिर्जापुुर, आजमगढ़ और जौनपुर में लोग बुरी तरह से परेशान रहे.शहरी क्षेत्रों में तो आमजनता को बिजली के साथ-साथ पानी की एक-एक बूंद के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
सोनभद्र जिले के अनपरा, ओबरा समेत कई अन्य क्षेत्रों में तो विद्युत व्यवस्था चरमरा गई.इसके चलते लोगों को पानी के संकट का भी सामना करना पड़ रहा है. अनपरा में 24 घण्टे से अधिक समय से गैर परियोजना क्षेत्रों की लाइट गुल रहने से आक्रोशित नागरिकों ने सोमवार की शाम अनपरा थाने पहुंंच कर जहां विद्युत निगम के खिलाफ विरोध जताया था. ओबरा में गैर निगमीय कालोनियों में बीते सोमवार को दोपहर से बिजली आपूर्ति बंद है. इसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उनका आरोप है कि अपने स्वार्थ के चलते विद्युत विभाग जनता को परेशान कर रहा है. सरकार और विभाग की लड़ाई में निर्दोष जनता नहीं पिसनी चाहिए.