प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 21वीं सदी के भारत की आवश्यकताएं और आकांक्षाएं बदल गई है और अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को स्वदेशी प्रौद्योगिकी संस्थानों के रूप में नई पहचान बनानी होगी।
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खड़गपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 66 वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को न केवल एक नया जीवन शुरू करना होगा, बल्कि हजारों लोगों के जीवन को बदलने के लिए स्टार्ट अप के रूप में भी काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित संस्थान से उत्तीर्ण होने वाले छात्र 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षा के प्रतिनिधि हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के रास्ते में कोई शॉर्टकट नहीं है।
यहां तक कि अगर कोई सफल नहीं भी होता है तब भी वह कुछ नया सीखता है क्योंकि असफलता ही सफलता का आधार होती है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने भी दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
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नौ स्वर्ण और छत्तीस रजत पदक विजेताओं सहित 75 छात्रों को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया गया, जबकि दो हजार आठ सौ से अधिक छात्रों को ऑनलाइन डिग्री प्रदान की गई। संस्थान ने विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए 27 लोगों को डॉक्टर ऑफ सांइस, लाइफ फेलो अवार्ड और विशिष्ट पूर्व छात्र सम्मान से भ्री सम्मानित किया।