आज दिनांक 3 जून 2020 को उत्तराखंड के सिंचाई एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बिहाफ पर उनके प्रतिनिधि व पूर्व गढ़वाल मंडल विकास निगम के निदेशक पंकज भट्ट ने मीडिया को बताया कि कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया व कुछ समाचार पत्रों पर यह खबर छपी है कि महाराज जी के बेटे और बहू 21 मई को दुबई से वंदे भारत फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे जोकि गलत है, उन्होंने कहा कि इसका खंडन किया जाता है।
उनके दोनों बेटे दोनों बहू वह पोता पिछले फरवरी माह से देहरादून स्थित आवास में ही हैं जबकि 6 मई को मंत्री सतपाल महाराज जी व उनकी धर्मपत्नी पूर्व मंत्री अमृता रावत रुद्रप्रयाग के विभिन्न स्थानों पर राहत सामग्री बांटने गए थे। उसके उपरांत वह लोग रुद्रप्रयाग जनपद से पौड़ी जनपद के अपनी विधानसभा क्षेत्र चबट्टाखाल मैं राहत सामग्री बांटने गए तथा वहां पर उनके द्वारा क्षेत्रवासियों की समस्याओं का भी संज्ञान लिया गया।
उनके साथ उनके पुत्र व पुत्रवधू भी साथ थे तो 21 मई को वह दुबई से कैसे आ गए ?? और महाराज उनको 21 मई को लेने कहां से चले गए, जबकि सतपाल महाराज 21 मई को उत्तराखंड कैबिनेट की मीटिंग में थे तथा 22 मई को देवस्थानम बोर्ड की बैठक में थे।
इसके साथ ही पंकज भट्ट ने बताया 24 मई को उनके पूरे परिवार का सीएमओ देहरादून द्वारा कोविड-19 टेस्ट करवाया गया जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई उसके उपरांत ही महाराज कैबिनेट की मीटिंग में गए थे।
पंकज भट्ट ने कहा कि सतपाल महाराज जनप्रतिनिधि है जिस के नाते वह इस वैश्विक महामारी के समय लगातार महाराज व उनके परिवार द्वारा राहत सामग्री वितरण की जा रही थी। अपने व अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर महाराज लगातार गढ़वाल के कई क्षेत्रों में जनता की समस्याओं के निदान हेतु युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए दिखे। वह उनकी संस्था द्वारा भी राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि साथ ही उनके आश्रमों मैं भी कहीं हजार उत्तराखंडी प्रवासी भाई- बहनों के रहने खाने की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में कुछ तथाकथित व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया वह अन्य जगह महाराज जी की छवि को धूमिल करने का निंदनीय कार्य किया जा रहा है।
जो लोग महाराज वा उनके परिवार को कोविड-19 संक्रमण होने के कारण उनकी निंदा कर रहे है, उनको यह बताना चाहता हूं कि महाराज लगातार जनता के बीच में रहे हैं। उनके सुख-दुख में उनकी सहायता करने में अग्रणी भूमिका निभाई है यदि महाराज को संक्रमण हुआ तो उसमें निंदा की कोई बात नहीं है कुछ नेता तो इस महामारी के समय जनता से बहुत दूर जाकर अपने घरों में छुपे हैं उनका जनता के प्रति कोई सरोकार नहीं दिख रहा है।