अखाड़ों और आश्रमों से ही है धर्मनगरी की पहचानः श्रीमहंत नरेंद्र गिरी

अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि 2021 में आयोजित होने वाले हरिद्वार महाकुंभ को लेकर अखाड़े की व्यवस्थाओं की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसका जिम्मा श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के महंत रामानंद पुरी को सौंपा गया है। उन्होंने महाकुंभ के मद्देनजर कुंभ क्षेत्र के विस्तार की भी जरूरत बताई।

श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में आयोजित संत-महंतों की बैठक में उन्होंने कहा कि अखाड़ों का सौंदर्यीकरण बेहद जरूरी है। क्योंकि, धर्मनगरी की पहचान अखाड़ों और आश्रमों से ही है। इसके अलावा राज्य और केंद्र सरकार को भी निर्माणाधीन कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण कराना होगा।

पर्यावरण को प्रदूषित रहित बनाने के लिए ठोस हों उपाय

खासकर, हरिद्वार के पर्यावरण को प्रदूषित रहित बनाने के लिए ठोस उपाय किए जाने जरूरी हैं। अध्यक्षता करते हुए निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रामानंद पुरी ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसका निर्वहन वह पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से करेंगे। महाकुंभ को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए अखाड़े के संत-महंतों का सहयोग लिया जाएगा।

बैठक में महंत लखन गिरि, महंत डोगर गिरि, महंत आशीष भारती, महंत राजेश्वरन, महंत नरेश गिरि, महंत नीलकंठ गिरि, स्वामी रामरतन गिरि, महंत बलवीर पुरी, स्वामी दिगंबर पुरी, स्वामी सोमगिरि, स्वामी आदित्य गिरि, स्वामी अमित पुरी, स्वामी अशोक भारती, स्वामी रामचंद्रपुरी, स्वामी आशुतोष पुरी समेत बड़ी संख्या में संत-महंत मौजूद रहे।

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