गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने को लेकर सरकार दे रही धोखा

बागेश्वर में गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने को लेकर आमरण अनशन कर चुके महेश पांडे ने सरकार पर जनता को धोखे देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब तक गैरसैंण स्थायी राजधानी नहीं बन जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

नशा नहीं रोजगार दो, स्थायी राजधानी गैरसैंण हो यात्रा के साथ चल रहे आमरण अनशनकारी महेश पांडे का फूलमालाओं से स्वागत किया। गरुड़ के दर्शानी गांव निवासी महेश पांडे स्थायी राजधानी गैरसैंण को बनाए जाने की मांग को लेकर आमरण अनशन करने वाले कुमाऊं क्षेत्र से एकमात्र आंदोलनकारी थे।

वह बीते माह 21 नवंबर से स्थायी राजधानी की मांग को लेकर नैनीताल से प्रारंभ यात्रा के साथ चलते हुए 5 दिसंबर को गैरसैंण पहुंचे। 7 दिसंबर से उन्होंने स्थायी राजधानी के लिए प्रवीण सिंह, रामकृष्ण तिवारी के साथ आमरण अनशन प्रारंभ किया। उन्होंने बताया आमरण अनशन के पांचवें दिन चमोली प्रशासन उन्हें जबरन उठाकर श्रीनगर ले गया। वहां से उन्हें देहरादून ले जाया गया।

स्थायी राजधानी गैरसैंण के लिए जारी रहेगा संघर्ष

उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री के आश्वासन पर उन्होंने अनशन तोड़ा। लेकिन स्थायी राजधानी गैरसैंण के लिए संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार जन भावनाओं के अनुरुप गैरसैंण को स्थायी राजधानी नहीं बनाती है तो पुनरू आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ के मध्य में ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र गैरसैंण जाकर क्रमिक अनशन में शामिल होंगे।

इस दौरान उनका स्वागत करने वालों में उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, एडवोकेट डीके जोशी, एनबी भट्ट, हरीश, व्यापार संघ अध्यक्ष गरुड़, अखिल जोशी, प्रकाश पांडे, आरपी जोशी, कृष्ण चंद्र आदि मौजूद थे।

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