जहां एक तरफ देश में किसान कृषि कानून को लेकर विरोध कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ बागपत के दाहा गांव के रहने वाले एक किसान के बेटे ने भाजपा नेताओं के नाम अपने खून से खुला पत्र लिखा है। वजह कृषि कानूनों का विरोध करना है।
पीड़ित का कहना है कि तीन माह से दिल्ली बार्डर पर धरने पर बैठे 250 किसानों की मौत हो चुकी है। लेकिन सरकार कृषि कानून वापस नहीं ले रही है। जनप्रतिनिधियों से कहा कि उनकी आत्मा उन्हें झकझौरतीं होगी, ऐसे में या तो कृषि कानून सरकार से वापस कराए या सरकार छोड़कर आ जाए।
दाहा गांव के रहने वाले है पप्पन राणा
दाहा गांव के रहने वाले पप्पन राणा है, जिन्होंने गांव में ही आज अपने खून से एक पत्र भाजपा के जनप्रतिनिधियों और किसान नेताओं के नाम लिखा। जिसमें बताया कि दिल्ली बार्डर पर काले कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों का तीन माह से धरना चल रहा है।
सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है जबकि किसान परेशान हैं। किसान आंदोलन में 250 किसानों की मौत हो चुकी है। सरकार तब भी किसानों की सुध नहीं ले रही है। ऐसे में आपकी (जनप्रतिनिधियों और भाजपा नेता) आत्मा जरूर आपको धिक्कारती होगी, ऐसे में सरकार छोड़कर किसानों के साथ आ जाए।
किसान संकट में हैं। ऐसे में इतिहास में आपका नाम कहां होगा इस पर विचार करें। किसान बिलों का विरोध करते हुए सत्ता का त्याग कर दो। यह एक किसान का बेटा आपसे निवेदन कर रहा है।
अमेठी से अशोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट