बागेश्वर के ग्रामीण इलाकों में सड़कों के हालात जस के तस
उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है, लेकिन इन तीन सालों में प्रदेश के पहाड़ी जनपद बागेशवर के कपकोट तहसील के गाँवो में सड़क पहुँचना एक सपना मात्र ही दिख रहा है, ग्रामीण लगातार जिलाधिकारी बागेशवर के दरवाजे पर गाँव तक सड़क पहुँचाने की फरियाद को लेकर आते है और हतास होकर घर को लौट जाते हैं।
कपकोट तहसील के ग्रामीण इलाकों के हालात काफी नाजुक बने हुये हैं, गाँव से बीमार मरीजों को डोली के माध्यम से सड़क तक लाने वाला भी कोई नहीं है, जिलाधिकारी बागेशवर के आश्वासनों से ग्रामीणों का मोह भंग होता जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि गापानी, कमेटपानी, सड़क के लिये है, पिछले 10 सालों से संघर्ष कर रहे हैं, जिला अधिकारी और पीडबलूडी विभाग के कितने चक्कर लगा चुके हैं, हर बार कोई न कोई बहाना बता कर, कुछ न कुछ आपत्ति लगा कर केवल ग्रामीणों को टरकाने का काम किया जा रहा है, ग्रामीण लोगों को तक़दीर के भरोसे मरने के लिये छोड़ दिया गया है।
बागेश्वर से हरीश सिंह नगरकोटी की रिपोर्ट