पशुपालकों ने अपनी मांगों को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। पशुपालक दूध की प्रोत्साहन राशि वितरण में जातिगत भेदभाव, दूध का क्रय मूल्य बढ़ाकर 40 रुपये प्रतिलीटर किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर मुख्य चैराहे पर धरना प्रदर्शन किया। साथ ही 15 दिन के भीतर मांगें पूरी न होने पर बंद और चक्काजाम की चेतावनी दी।
क्षेत्र के दुधोली, नायल, टोढ़रा, खोलियाबांज, कुंथाड़ी, बिंता, चित्रेश्वर दुग्ध डेरियों से जुड़े पशुपालक बड़ी संख्या में द्वाराहाट पहुंचे। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर मुख्य चैराहे पर धरना दिया। इस दौरान उन्होंने पशुपालन मंत्री और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। परेशान पशुपालकों ने श्पानी नहीं ये दूध है, हमारी मेहनत का खून हैश् नारा लगाकर अपनी भड़ास नहीं।
सरकार के खिलाफ बोला जमकर हमला
क्षेत्र में आयोजित इस सभा में वक्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि साल 2015-16 से 4 रुपए प्रति लीटर दूध की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई थी। वह अभी तक मात्र दो माह की ही दी गई है। इसमें भी अनुसूचित जाति के पशुपालकों के साथ भेदभाव कर उन्हें इतनी राशि भी अभी तक नहीं दी गई है। उनका कहना है कि बढ़ती महंगाई के चलते दूध का क्रय मूल्य 40 रुपए लीटर करने की मांग अरसे से की जा रही है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
इसके अलावा पशुपालकों ने दुग्ध संघ अल्मोड़ा में हो रहे घोटाले की सीबीआइ जांच की भी मांग की। इस दौरान उन्होने तय किया कि 15 दिन के भीतर मांगें नहीं मानी गईं तो पशुपालक द्वाराहाट में बंद और चक्काजाम के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने मांगों से संबंधित ज्ञापन भी उप जिलाधिकारी को सौंपा।