Baba Ramdev की दिव्य फार्मेसी की दवाओं पर लगा ban हटा, उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग से हुई त्रुटि | Nation One
Baba Ramdev : दिव्य फार्मेसी की दवाओं पर लगी रोक को उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग ने अपनी गलती मानते हुए वापस लेने का फैसला किया है। दवाओं पर लगी रोक का कारण आयुर्वेद विभाग के ड्रग कंट्रोलर डॉ जीसीएस जंगपांगी ने त्रुटिवश बताया है।
वहीं, पतंजलि ने इस पूरे प्रकरण को बड़ा षड़यंत्र बताया है। पतंजलि का कहना है कि आयुर्वेद विरोधियों से कानून समेत सभी मोर्चों पर लड़ा जाएगा।
Baba Ramdev : 5 दवाओं के उत्पादन पर रोक
दरअसल केरल के एक डॉक्टर की शिकायत पर आयुर्वेद विभाग के ड्रग कंट्रोलर ने 4 दिन पहले यानी 9 नवंबर को दिव्य फार्मेसी की 5 दवाओं के उत्पादन पर रोक लगा दी थी।
इतना ही नहीं भ्रामक प्रचार और अन्य मामलों में पांचों दवाओं के लेबल और फार्मुलेशन शीट तलब की गई थी। पांचों दवाओं को लेकर विभागीय एक्सपर्ट कमेटी की बैठक होने के आदेश विभाग ने दिए थे। जिससे दवा के अवयवों की एक बार फिर जांच की जा सके।
Baba Ramdev : कंपनी को बदनाम करने की साजिश
लेकिन आयुर्वेद विभाग की ओर से जारी आदेश से कोहराम मच गया। दिव्य फार्मेसी ने सरकार के आदेशों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अपनी दवाओं को सही ठहराया। दिव्य फार्मेसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि स्वदेशी दवा कंपनी को बदनाम करने की साजिश के तहत यह आदेश दिया गया है।
फार्मेसी ने कहा कि उनकी एक- एक दवाई क्लीनिकल ट्रायल और शोध के आधार पर तैयार की जाती है और दवाओं के उत्पादन पर लगाई गई रोक गलत है। दिव्य फार्मेसी ने आयुर्वेद विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Baba Ramdev : दिव्य फार्मेसी की छवि को नुकसान
साथ ही शनिवार को बयान जारी कर कहा गया है कि पतंजलि ने 30 सालों के रिसर्च के बाद विश्व में सबसे पहले आयुर्वेद दवाओं को रिसर्च एण्ड एविडेंस बेस्ड मेडिसिन के रूप में स्वीकार्यता दिलाई।
आयुर्वेद विभाग के अफसर भी अब सवालों के कटघरे में खड़े हैं। दिव्य फार्मेसी की दवाओं पर गलती से रोक लगाए जाने की वजह से विभाग के अफसरों पर तमाम तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।
पूरी जानकारी के बिना लगाई गई इस रोक की वजह से न केवल दिव्य फार्मेसी की छवि को नुकसान पहुंचा बल्कि इससे राज्य सरकार और आयुर्वेद विभाग की छवि भी धूमिल हुई हैं।
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