वाशिंगटन : दुनिया के सबसे प्राचीन लोकतांत्रिक देश अमेरिका में आज मंगलवार को जनता अपने नए राष्ट्र पति का चुनाव करने जा रही है. अमेरिका में भारतीय समयानुसार शाम करीब 4.30 बजे मतदान शुरू होगा. वोटिंग को लेकर लोगों के उत्सा ह का आलम यह है कि अब तक 55 फीसदी या 9 करोड़ वोटर मतदान कर चुके हैं.
रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मी दवारों डोनाल्डी ट्रंप और जो बाइडेन के बीच कड़े मुकाबले के आसार हैं. अमेरिकी चुनाव की सबसे खास बात यह है कि इसमें उम्मीइदवार ज्यामदा वोट पाकर भी चुनाव हार जाते हैं. इसका कारण क्या है, आइए आपको बताते हैं.
हर चार साल पर नवंबर के पहले मंगलवार को होता है चुनाव
अमेरिका में हर 4 साल पर राष्ट्रपति पद का चुनाव नवंबर के पहले सोमवार के बाद आने वाले पहले मंगलवार को होता है. अमेरिका में दो-पार्टी सिस्टम है और राष्ट्रपति इन्हीं दो पार्टियों में से एक का होता है. रिपब्लिकन कन्जर्वेटिव पार्टी है और इस साल भी उसके उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप हैं. इसे ग्रैंड ओल्ड पार्टी भी कहते हैं.पहले इस पार्टी से जॉर्ज बुश, रॉनल्ड रीगन और रिचर्ड निक्सन रिपब्लिकन राष्ट्रपति रह चुके हैं.
वहीं, डेमोक्रैट लिबरल पार्टी है और उसके उम्मीदवार जो बाइ़डेन हैं. डेमोक्रैट सिविल राइट्स, इमिग्रेशन और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर ध्यान देते हैं. इस पार्टी से जॉन एफ केनेडी और बराक ओबामा डेमोक्रैट राष्ट्रपति रह चुके हैं. जो बाइडेन की चीन और ताइवान नीति पर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं.
ट्रंप –बाइेडन की हार जीत से बनेगा रिकॉर्ड
इन चुनाव में ट्रंप और जो बाइडेन की हार-जीत से रिकॉर्ड बनेगा. यदि डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हारते हैं तो 1988 में जॉर्ज बुश सीनियर के बाद पहले राष्ट्रपति होंगे, जिन्हें दूसरा कार्यकाल नसीब नहीं हुआ. वहीं, अगर बिडेन को जीत मिलती है, तो वह अमेरिकी चुनाव में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे. आपको बता दें कि ट्रंप की उम्र 74 वर्ष है और बिडेन 78 साल के हैं.
35 साल और स्थायी निवासी ही लड़ सकता है चुनाव
अमेरिकी संविधान के मुताबिक अमेरिका में स्वािभाविक रूप से जन्मर लेने वाला कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 35 साल हो गई है और कोई व्यसक्ति 14 साल से अमेरिका का नागरिक है तो वह चुनाव लड़ सकता है. इसके अलावा अमेरिका में जिस उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलते हैं, उसकी जीत हो, यह तय नहीं होता. वर्ष 2016 में ऐसा देखने को मिला था. उस दौरान हिलेरी क्लिंटन ज्या9दा वोट हासिल करने के बाद भी चुनाव हार गई थीं.
दरअसल, उम्मीदवार इलेक्टोरल कॉलेज के वोट को जीतने की कोशिश करते हैं. हर स्टेट को उसकी आबादी के आधार पर इलेक्टोरल कॉलेज मिलता है. इनकी कुल संख्या 538 होती है और जीतने वाले कैंडिडेट को 270 या ज्यादा वोट जीतने होते हैं यानि कि जब लोग वोट डालते हैं तो वे देश का राष्ट्रपति नहीं अपनी स्टेट का प्रतिनिधि चुन रहे होते हैं. इस साल हाउस की 435 सीटों और सीनेट की 33 सीटों पर उम्मीदवार किस्मत आजमाएंगे.
अमेरिका में 18 साल से ऊपर के नागरिक राष्ट्रपति पद के लिए वोट कर सकते हैं. कई राज्यों ने ऐसा नियम बनाया है कि वोटरों को अपनी पहचान दिखानी पड़ती है.
यहां देख सकते हैं चुनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जी न्यूज के सहयोगी चैनल WION सहित सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनलों पर प्रसारित किया जाएगा. अमेरिकी चुनाव को लेकर पूरे विश्व की निगाहे हैं. खासकर चीन बेहद बारीकी से नजर रखे हुए है, क्योंकि कोरोना वायरस को लेकर डोनाल्ड ट्रंप चीन के प्रति काफी सख्त रहे हैं. ट्रंप प्रशासन ने वीगर मुस्लिमों के मुद्दे पर भी बीजिंग को घेरा है. ऐसे में चीन यही चाहेगा कि ट्रंप को जीत नसीब न हो.