रिपोर्ट : दीक्षा अरोरा
अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान ने मंगलवार को महिलाओं को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। तालिबान ने सभी नागरिकों के लिए एक साझा माफी देने का फैसला लिया है, साथ ही महिलाओं से भी सरकार में जुड़ने की अपील की है।
बात यह है कि तालिबान जनता का विश्वास जीतने की कोशिशों मे लगा है। दरअसल एक दिन पहले तालिबान शासन से बचने के लिए लोग काबुल छोड़कर भागने की कोशिश करते दिखे थे और उसकी वजह से हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी के दौरान कई लोग मारे गए।
तालिबान की कोशिशें
बता दें कि कई शहरों को जीतने वाला तालिबान वर्ष 1990 के क्रूर शासन के उलट खुद को अधिक लचीला दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कई अफगान अब भी आशंकित हैं।
अफगानिस्तान के लोगो में डर
इतनी बड़ी घटनाओ के बाद अफगानिस्तान के लोगो में डर का साया छा गया है। तालिबान द्वारा जेलों पर कब्जा कर कैदियों को छुड़ाने एवं हथियारों को लूटने की घटना ने लोगो को काफी भयभीत कर दिया है।
कई महिलाओं ने आशंका जताई है कि अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के दौरान महिलाओं को और अधिकार देने का पश्चिमी प्रयोग तालिबान के शासन में कायम नहीं रहेगा।
महिलाओं के बारे में क्या कहा
समानगनी ने कहा, ‘‘इस्लामी अमीरात (तालिबान द्वारा घोषित अफगानिस्तान का नाम) नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित हों। उन्हें शरिया कानून के तहत सरकारी ढांचे में शामिल होना चाहिए।’’
बता दें कि यह बयान तालिबान की पिछली सरकार की नीति से हटने का संकेत हो सकता है जिसमें महिलाओं को घरों में सीमित कर दिया गया था।
सरकार में होंगे सभी लोग शामिल
समानगनी ने कहा कि ‘‘ सभी ओर के लोग’ सरकार में शामिल होंगे। समानगनी ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि आम माफी से उसका क्या अभिप्राय है।
साथ ही अन्य तालिबानी नेताओं ने कहा कि वे उन लोगों से बदला नहीं लेना चाहते हैं जो पूर्ववर्ती सरकार या विदेशों में कार्यरत थे।
महिलाओं का प्रदर्शन
महिलाओं ने काबुल में प्रदर्शन किया जिसम मे मांग की गई थी कि तालिबान महिलाओं को सार्वजनिक जीवन‘ से खत्म नहीं करे.”