ऑलवेदर रोड़ पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, 15 नवंबर को अगली सुनवाई…

ऑलवेदर रोड़ पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, 15 नवंबर को अगली सुनवाई...

देहरादून: सूबे में चल रही केंद्र सरकार के ऑलवेदर रोड़ पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। जिसको लेकर जस्टिस आरएफ नरीमन औऱ जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ ने एनजीओ ग्रीन दून की विशेष अनुमति याचिका पर आदेश जारी करते हुए केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।

बता दें कि एनजीटी ने 26 सिंतबर का आदेश देकर इस परियोजना को हरी झंड़ी दे दी और राजमार्ग के बनने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखने के लिए एक ऊच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया था। इस सात सदस्य समीति की अध्यक्षता केद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक विशेष सचिव को करने को कहा है। जबिक एनजीटी में ग्रीन दून व अन्य लोगों द्वारा इस परियोजना को चुनौती दी गई थी औैर कहा था कि इससे पहाड़ो के पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संजय पारिक के अनुसार परियोजना बिना किसी मंजूरी के शुरू हुई है। और उचित वनमंजूरी के बिना 25 हजार से अधिक पेड़ काटे गए है। साथ ही उनका ये कहना भी है कि मलवे की डंपिंग के लिए भी कोई व्यवस्था नही की गई है।

केंद्र सरकार की यह परियोजना सभी चार धाम मार्गो गंगोत्री,यमुनोत्री,बदरीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिए बनाई जा रही है। जिसकी दूरी 889 किलो मीटर है जिस पर करीब 440 किलोमीटर पर काम शुरू हो चुका है। यह परियोजना 12 हजार करोड़ की लागत से बननी है। जिसमें 132  ब्रीज, 25 हाई फ्लड, लेबल ब्रीज और 13 बाई पास बनाए जाने है। इस योजना के अंतगर्त 115  बस स्टेंड, 9 ट्रक स्टेड़ व 3889 वाटर वार्ट बनने है। जबिक योजना को लक्ष्य 2020 तक पूरा करने का रखा गया है। बता दें कि योजना का शुभारंभ पीएम नरेंद्र मोदी ने 27  दिसंबर 2016 को देहरादून स्थित परेड ग्राउड से किया।