EC चुनावों को धार्मिक रंग देकर राजनीति करने वालों के खिलाफ उठाए सख्त कदम : मायावती | Nation One
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के एक दिन बाद निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि वह ”चुनावों को धार्मिक रंग देकर स्वार्थ की संकीर्ण राजनीति” करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।
बसपा प्रमुख ने रविवार को मीडिया से कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि इन राज्यों में चुनाव के मद्देनजर यह बहुत जरूरी है कि निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता को पूरी सख्ती से लागू कराने के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि आमजन में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने के संबंध में विश्वास कायम हो सके।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में चुनावों के दौरान हर प्रकार की धांधली करने तथा सत्ता एवं धर्म का चुनावी लाभ लेने के लिए अनुचित काम करने की प्रवृत्ति काफी घातक रूप में बढ़ी है।’
मायावती ने कहा कि यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ चुनावों में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच भी जिस प्रकार से रैलियों एवं रोड शो आदि के जरिये आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया गया है, उससे पूरा देश हैरत में है।
इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों से चुनावों को धार्मिक रंग देकर जिस प्रकार से स्वार्थ की संकीर्ण राजनीति की जा रही है, उस पर भी चुनाव आयोग को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती ने अपने कार्यकाल में कानून व्यवस्था को बेहतर करार देते हुए राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनपा पार्टी पर आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण राज्य में ”अपराधियों का जंगलराज” है और हर जाति एवं वर्ग के लोग दुखी हैं।
उन्होंने कहा, ”इस चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हो जाएगी, बशर्ते सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग तथा वोटिंग मशीन के साथ कुछ गड़बड़ी नहीं की जाए।”
मायावती ने समाजवादी पार्टी का नाम लिए बिना कहा, ”प्रदेश में एक पार्टी ऐसी भी है जो दूसरे दलों से निकाले गए लोगों और कुछ दलों के साथ गठबंधन कर 403 में से 400 सीट जीतने का सपना देख रही है, लेकिन उसका सपना 10 मार्च को हवा हवाई होने वाला है। यही स्थिति भाजपा एवं अन्य दलों की होगी और बसपा ही लोकप्रिय सरकार बना सकती है।”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि बसपा आदर्श आचार संहिता का पूरी ईमानदारी से पालन करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने आयोग से अनुरोध किया कि चुनाव में किसी को किसी भी प्रकार की बाधा पैदा करने की इजाजत नहीं दी जाए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाए, ताकि मतदाता, खासकर दलित एवं अन्य कमजोर वर्गों के लोग वहां अपना वोट डाल सकें।
मायावती ने बताया कि उन्होंने उम्मीदवारों के चयन के लिए लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में रविवार को प्रमुख बसपा नेताओं की बैठक बुलाई है।
उन्होंने उत्तराखंड में पहले से बेहतर प्रदर्शन करने और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ अपने गठबंधन की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का भी दावा किया।
मायावती ने कहा कि चुनाव पूर्व सर्वेक्षण कराने वाली एजेंसियां भले ही बसपा को दौड़ से बाहर दिखाती रहें लेकिन जनता उनकी पार्टी को बहुमत देगी।