अजब – गजब : देहरादून में दिखाई दिया दो सिर वाला दुर्लभ कोबरा, पढ़ें पूरी खबर | Nation One
जैसे की हम जानते है सावन का माह चल रहा है और यह एक ऐसा महीना है जब सांपों को मारने की बजाय उनका दर्शन ईश्वर के दर्शन के समान पुण्यदायी माना जाता है। लोग सांप को दूध और धान का लावा खिलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि सांपों को दूध और धान खिलाने से वंश बढ़ता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
बता दें कि सावन के महीने में सांपों को इतना अधिक महत्व देने के पीछे जो कारण छुपा है वह है सांपों का भय। भारत प्राचीन काल से ही कृषि प्रधान देश रहा है। इस महीने में किसान जल भरे खेतों में धान की खेती करते हैं जहां उन्हें सांप का भय रहता है इसलिए महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए सांपों की पूजा किया करती थी।
दरहसल उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के कलसी फॉरेस्ट डिवीज़न में एक दुर्लभ दो सिर वाले कोबरा मिला है। यह फारेस्ट डिपार्टमेंट को विकास नगर इलाके की एक इंडस्ट्रियल यूनिट में दिखा।
जानकारी के मुताबित टीम कोबरा को रेस्क्यू करने पहुंची और बचा लिया गया। बता दें कि आदिल मिर्ज़ा पिछले 15 सालों से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में सांप रेस्क्यू करने का काम कर रहे हैं। इस दुर्लभ सिर वाले कोबरा को भी उन्होंने ही रेस्क्यू किया। लेकिन कोबरा की खास बात है इसके दो सिर जिसने लोगो को काफी हैरान कर दिया ।
आदिल मिर्ज़ा ने मीडिया को बताया कि अपने 15 साल के करियर में उन्होंने आज तक ऐसा सांप नहीं देखा। साथ ही उन्होने यह भी बताया कि सांप लगभग डेढ़ फ़ीट लम्बा था और करीबन दो हफ्ते बड़ा था।
बता दें कि सांप को देहरादून स्थित चिड़ियाघर भेजा गया है। वहीं सांप से जुड़े एक्सपर्ट्स ने बताया कि दो सिर वाले सांप की लाइफ़ बेहद कम होती हैं ।