कर्ज के बोझ तले दबी सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया बिकने के लिए तैयार है। सरकार इसके लिए खरीदार की तलाश में है, लेकिन सच तो यह है कि सरकारों ने इसे बचाने की जगह और इस पर बोझ ही डाला है। एक आरटीआई में खुलासा हुआ कई VVIP का एअर इंडिया का 822 करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी बकाया है। इसके अलावा बचाव कार्यों के बदले मिलने वाली 9.67 करोड़ रुपये और विदेशी मेहमानों को लेकर जाने के बदले 12.65 करोड़ भी रुपये बकाया है।
VVIP चार्टर फ्लाइट के अंतर्गत एअर इंडिया कंपनी राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लेकर जाती है। इसका भुगतान मंत्रियों द्वारा किया जाता है। इसके अलावा सरकारी बाबुओं ने भी एअर इंडिया का खूब फायदा उठाया है। आरटीआई जवाब के मुताबिक 31 मार्च, 2019 तक सरकारी अधिकारियों ने 526.14 करोड़ रुपये की टिकट उधार ली थी। इनमें से 236.16 करोड़ रुपये पिछले तीन साल से लंबित हैं। कंपनी ने अपनी अकाउंट बुक में 282.82 करोड़ रुपये को भी ‘संभवत: वसूली न होने वाली’ रकम में डाल दिया। एयर इंडिया ने पिछले साल दिसंबर से इन सरकारी अधिकारियों को पिछला बकाया न चुकाने की वजह से टिकट देना भी बंद कर दिया।
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