तो आइये, उत्तराखंड में लें राफ्टिंग के संग बंजी जंपिंग का भी आनंद | Nation One
देहरादूनः अगर आप साहसिक गतिविधियों में रूचि रखते हैं तो अनलॉक-5 आपके लिए अच्छी खबर लेकर आया है. कोरोना महामारी के बीच सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों को बिनारोक टोक आने-जाने की अनुमति प्रदान कर दी है. उनका कोई कोविड टेस्ट नहीं किया जाएगा. इसी के मद्देनजर तीर्थनगरी में कौड़ियाला से मुनिकीरेती तक इको टूरिज्म जोन में रिवर राफ्टिंग शुरू हो ही चुकी है. आज गुरुवार से यमकेश्वर के मोहन चट्टी क्षेत्र में बंजी जंपिंग भी शुरू हो गई है.
देश के सबसे ऊंचे जंप इन हाइट्स पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्व ब्लाक के गांव मोहनचट्टी में स्थित है जो कि 83 मीटर हाइट वाला प्वाइंट है. यहां दो अन्य खेल फ्लाइंग फॉक्स और जॉइंट स्विंग भी संचालित किए जाते हैं. रोमांच का यह साहसिक खेल पूरे छह माह बाद शुरू हो रहा है.
लोकडाउन के कारण यहां 19 मार्च से सभी प्रकार की साहसिक गतिविधियां बंद कर दी गई थीं. यहां प्रतिदिन बंजी जंपिंग व अन्य गतिविधियों के लिए औसतन 60 से 80 पर्यटक पहुंचते हैं. पिछले साल 22000 पर्यटकों ने बंजी जंपिंग और अन्य गतिविधियों में भाग लिया था.
जंप इन हाइट्स के निदेशक कर्नल मनोज का कहना है कि इससे पहले की सभी एडवांस बुकिंग रद कर दी गई थीं लेकिन अब फिर से उनके पास एडवांस बुकिंग आने लगी है. बताया कि जंप इन हाइट्स में साहसिक खेल गतिविधियों का संचालन केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा तय निर्धारित मानकों के साथ शुरू किया जा रहा है.
आपको बता दें, विश्व की सबसे ऊंची बंजी जंपिंग मकाऊ (चीन) में है जिसकी ऊंचाई 233 मीटर है. दूसरी भारत में बनने वाली हिमाचल के मनाली में होगी. इसके निर्माण की कवायद शुरू हो गई है. इसकी ऊंचाई 186 मीटर होगी. मकाऊ के बाद अभी तक दूसरे नंबर पर बंजी जंपिंग नेपाल के पोखर की है, जिसकी ऊंचाई 160 मीटर है.
यह होता है बंजी जंपिंग
यह एक ऐसी गतिविधि है, जिसमें एक ऊंची जगह से एक बड़ी लोचदार रस्सी के साथ जुड़े रहते हुए कूदना होता है. यह ऊंचाई वाला स्थान आम तौर पर एक इमारत, पुल या एक क्रेन जैसी स्थायी वस्तु हो सकती है.जब व्यक्ति यहां से कूदता है तो रस्सी खिंचाव के कारण विस्तृत हो जाती है और जब रस्सी वापस सिकुड़ती है तब कूदने वाला ऊपर की ओर उड़ जाता है. इसी प्रकार कभी ऊपर और कभी नीचे की ओर तब तक दोलायमान रहता है जब तक कि उसकी सारी ऊर्जा विकीर्ण नहीं हो जाती. विदेशों में यह गतिविधि काफी प्रचलित है.