बाबा रामदेव का 9 साल पुराना ट्वीट शेयर कर कांग्रेस ने कसा तंज, पूछा- डिलीट करके कहां चल दिए | Nation One
महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस के तेवर इन दिनों आक्रामक बने हुए हैं। इसी कड़ी में सरकार के तथाकथित समर्थक योग गुरु बाबा रामदेव भी कांग्रेसी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने बुधवार को बाबा रामदेव के 9 साल पुराने ट्वीट के स्क्रीन शॉट को साझा किया है।
इस ट्वीट में स्वामी रामदेव ने दावा किया था कि यदि काला धन वापस आए तो देश में पेट्रोल 30 रुपये प्रति लीटर की दर से मिलेगा। यह ट्वीट नौ अगस्त 2012 को किया गया था। इस स्क्रीन शॉट के अनुसार इसे अब डिलीट किया जा चुका है।
इस ट्वीट को साझा करते हुए बीवी श्रीनिवास ने रामदेव को आड़े हाथों लेते हुए तंजात्मक लहजे में पूछा कि ये ट्वीट डिलीट करके कहां चल दिए।
बताते चलें कि यूपीए सरकार के दौरान बाबा रामदेव ने कालाधन की मुहिम छेड़ी थी। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले वह खुलकर बीजेपी और नरेंद्र मोदी के समर्थन में उतरे थे। ऐसे में अब कांग्रेस के नेता अब उनकी चुप्पी पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
वहीं अगर पेट्रोल डीजल के मौजूदा दामों की बात करें तो दो दिनों की स्थिरता के बाद बुधवार को फिर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई जिसके साथ ही देश भर में ईंधन की कीमतें एक नयी ऊंचाई पर पहुंच गईं हैं।
दिल्ली में जहां पेट्रोल की कीमत 106.19 रुपये प्रति लीटर हो गई है तो वहीं मुंबई में यह 112.11 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
इसके अलावा मुंबई में, डीजल अब 102.89 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है, जबकि दिल्ली में इसकी कीमत 94.92 रुपये प्रति लीटर है।
इससे पहले पिछले दो दिन कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। जबकि उससे पहले, लगातार चार दिन कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की हर दिन बढ़ोतरी की गयी थी।
सबसे महंगा ईंधन राजस्थान के गंगानगर में है जहां पेट्रोल 118.23 रुपये प्रति लीटर और डीजल 109.04 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।
जहां देश के ज्यादातर हिस्सों में पेट्रोल की कीमत पहले से ही 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है, डीजल की दरें मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, केरल। ॉ
कर्नाटक, झारखंड, गोवा और लद्दाख सहित एक दर्जन से अधिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में उस स्तर को पार कर गयी हैं। जानकारी के लिए बता दें कि स्थानीय करों के आधार पर कीमतें राज्यों में अलग-अलग होती हैं।