देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी दून के जिला अस्पताल में लगातार स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही देखने को मिल रही है। यहां पर लापरवाही के एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे है। स्वास्थ्य विभाग की ऐसी ही लापरवाही उस समय देखने को मिली जब दून के महिला अस्पताल में डॉक्टरों ने मोमबत्ती और मोबाइल की रोशनी में कुल नौ डिलीवरी कराई। वही बताया जा रहा है कि जनरेटर में तकनीकी खराबी आ गई थी जिस कारण डॉक्टरों को मोमबत्ती और मोबाइल की रोशनी से डिलीवरी करनी पड़ी। हालांकि डिलीवरी करने के बाद जच्चा-बच्चा दोनो सुरक्षित है।
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बता दें कि बुधवार रात आठ बजे बिजली जाने के बाद जब अस्पताल में तैनात गार्ड जनरेटर चलाने के लिए गए तो तकनीकी खराबी के कारण जरनेटर नहीं चला। जिससे पूरे अस्तपाल में अंधेरा हो गया। हालांकि गार्ड ने इसकी सूचना महिला अस्पताल की सीएमएस को दी। जिसके बाद उन्होनें इसकी सूचना दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के एमएस डॉक्टर केके टम्टा को दी। उन्होंने इसकी सूचना सुपरवाइजर और तकनीशियन इंचार्ज को दी तो उन्होंने बारिश का हवाला देते हुए उसने वहां आने से इंकार कर दिया।
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इसी बीच दून महिला अस्पताल के लेबर रूम में भर्ती महिलाओं को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। बिजली न होने पर लेबर रूम में स्टाफ ने मोबाइल फोन और मोमबत्ती की रोशनी में डिलीवरी कराई। कुल 9 डिलीवरी इसी तरह कराई गई। जिसके बाद अस्पताल स्टाफ ने इस बात पर राहत महसूस की कि कम रोशनी के बावजूद भी सभी डिलीवरी सफल रहीं।