#selfiwithschool अभियान ने दिखाया उत्तराखंड सरकार को आईना : आप | Nation One
उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा की हकीकत सबके सामने लाने के लिए आम आदमी पार्टी ने तीन दिवसीय #selfiwithschool अभियान की शुरुआत की थी। जिसमें उत्तराखंड की जनता ने प्रदेश के स्कूलों की वीडियो और फोटो अपने सोशल मीडिया पर डालने के साथ ही आम आदमी पार्टी को भी भेजना शुरू किया है।
जिसके बाद आप के प्रदेश प्रवक्ता आशुतोष नेगी ने selfiwithschool अभियान को जनता द्वारा सफल बनाने पर जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा, आप पार्टी द्वारा उत्तराखंड में 3 दिन तक चलाए गए selfiwithschool अभियान को लोगों का अपार समर्थन मिला। इस अभियान में प्रदेश के सैकड़ों लोगों ने इससे जुड़ते हुए, उत्तराखंड के बदहाल स्कूलों की तस्वीरें साझा की। लोगों ने जर्जर हो चुके स्कूलों की सैल्फी लेकर इन स्कूलों की सच्चाई बयां की।
उन्होंने कहा कि पहाड और मैदानी क्षेत्रों से सैकड़ों लोगों ने आप पार्टी द्वारा दिए व्हाट्सएप नम्बर पर वीडियो और फोटो डाले। आप पार्टी ने उत्तराखंड में स्कूलों के बदहाली पर जब फैसला जनता के पाले में डाला तो जनता भी जागरूक होकर अपने आस पास के स्कूलों के हालत और बदहाली पर खुल कर सामने आए और उन्होंने, जर्जर हो चुके स्कूल भवनों की तस्वीरें ले कर व्हाट्सएप के जरिए आप को भेजी।
आप प्रदेश प्रवक्ता आशुतोष नेगी ने कहा, इन तस्वीरों को देख कर आप अंदाजा लगा सकते है कैसे सरकारें शिक्षा व्यवस्था पर बात तो करती है लेकिन जमीनी हकीकत से बहुत दूर है। अगर ऐसे हालात उत्तराखंड के स्कूलों के है तो कैसे कोई माता पिता अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में पढ़ने भेजेगा जहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
उन्होंने कहा, पढ़ाई तो दूर की बात यहां हादसों को न्योता देते कई स्कूल सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं। प्रदेश में आज कई ऐसे स्कूल के भवन हैं जो बुरी तरह जर्जर हो चुके हैं, कई ऐसे हैं जहां हालात बेहद खराब हैं आज भी इन स्कूलों में बच्चे और शिक्षक अपनी जान जोखिम में डाल कर पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर है। लेकिन सरकार को बच्चों और शिक्षकों की जिन्दगी से कोई सरोकार नहीं दिखाई दे रहा है।
आप प्रवक्ता ने आगे कहा कि अब जनता जागरुक हो चुकी है। इस अभियान से जुडते हुए अब लोगों को स्कूलों की असली हकीकत पता चल रही है कि कैसे शिक्षा के झूठे दावे सरकार द्वारा पेश किए जाते हैं जबकि जनता के सामने हकीकत आ चुकी है।
उन्होंने कहा कि ये तो अभी शुरुआत है लेकिन अब जनता ही सरकार के झूठे दावों का पर्दाफाश करेगी। उन्होंने शिक्षा मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर शिक्षा मंत्री कहते हैं कि शिक्षा के सुधार के लिए सरकार काफी बडा बजट खर्च कर चुकी है। लेकिन ऐसे सैकडों स्कूलों को देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये बजट स्कूलों तक पहुंचा क्यूं नहीं अगर पहुंचता तो तस्वीरें शायद ऐसी नहीं होती।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा स्कूलों को सुधारने की होती तो आज यहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए पलायन नही करना पडता। आज पहाडों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था, अच्छे स्कूलों की कमी साफ नजर आती है। जबकि इसके उलट, आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लोग अपने बच्चों को पढाने के लिए आगे आ रहे हैं। दिल्लीवासी बच्चों को प्राईवेट स्कूलों से निकाल कर सरकारी स्कूलों में डाल रहे हैं ।
आप प्रवक्ता ने कहा कि उत्तराखंड में भी बच्चों को अच्छे स्कूल मिलने चाहिए,और यहां भी सरकार को स्कूलों के सुधारीकरण पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन सरकार की नीयत ऐसी नहीं कि स्कूलों को बेहतर बना सके। लेकिन अब जनता सच्चाई से अंजान नही है। इस अभियान ने जनता की आंखें खोल दी हैं और बीजेपी सरकार की बेचैनी बढ चुकी है कि स्कूली व्यवस्था जुमलों से नही बल्कि धरातल पर काम करने से अच्छी होती है।