क्या इस देश में बलात्कार को कानून बना दिया गया है.
कानूनी बनाने की कवायद चल रही है.और ऐसा हमारा कहना नहीं हैं बल्कि कह रहे हैं फिल्मेकर डेनियल श्रवन चार दिसंबर को सोशल मीडिया पर एक बयान टाइप होता है जिसमें कहा जाता है कि अठारह साल से उपर की लडकियो को सेक्स एजूकेशन दिया जाना चाहिए अरे भई अठारह क्यों पंदरह साल से ही बताओ और जरूरी है लेकिन आगे क्या कहा गया.
ये सुनिए सौ नंबर डायल करने की जगह पर्स मेंकंडोम रखें और बलात्कार में सहयोग प्रदान करें महिलाओं की सुसछा कंडोम से ही संभव है न कि निर्भया एक्ट के जरिये आगे लिखा कि बलात्कार तभी रूक सकता है.
जब पुरूष की कामेछा की पूर्ति होगी और न ही तब ऐसी हत्याएं व घटनाएं होंगी क्या महिलाएं पुरूष की कामेक्छा पूर्ती का माध्यम रह गई हैं ..
हालांकि कुछ देर बाद सफाई देते हुए कहा कि यह मेरी आने वाली फिल्म के विलेन के डायलाग थे न कि मेरे निजी विचार मैं माफी मांगता हूं.
अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था.
सवाल ये कि क्या जरूरी था ये डायलाग शेयर करना जब देश में हर दिन बलात्कार हो रहे हों और देश इसका हल निकालने में चिंतित होकितना अजीब है.
अभिनय और अभिव्यक्ति पर इतनी जानकारी और अनुभव रखने वाले लोगों के बयान ऐसे समय पर ही आतेहैं जब स्थिति संवेदनशील हो चाहे देश में डर के माहौल की बात आमिर खान की हो या श्रवन की बलात्कार को कानूनी बनाने की.