Salvus Hotel Group : Rishikesh के Salvus Hotel Group का अहम फैसला, अब 30% मांसाहारी भोजन बदलेगा शाकाहारी में | Nation One

Salvus Hotel Group

Salvus Hotel Group : उत्तराखंड के होटल ऋषिकेश में साल्वस होटल ग्रुप ने एक बड़ा कदम उठाया है। बता दें कि होटल ने यह फैसला लिया है कि 2022 के अंत तक 30% पशु-आधारित व्यंजनों को पौधे-आधारित विकल्पों से बदलने का फैसला किया है। इसका मतलब अब मांसाहारी भोजन बदलेगा शाकाहारी भोजन में।

हालांकि इसमें डेयरी-आधारित उत्पादों और पशु-आधारित प्रोटीन को स्थायी पौधे-आधारित विकल्पों के साथ बदलना शामिल है।

Salvus Hotel Group के इस फैसले पर कुछ ऐसा बोले ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल

वहीं होटल के इस फैसले की जबरदस्त सराहना की जा रही है। ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल साल्वस होटल ग्रुप के साथ उनके मेन्यू में बदलाव को लागू करने व मेज पर परोसे जाने वाले व्यंजनों में स्थिरता लाने के लिए काम करेगी।

जानकारी के लिए बता दें कि यह बदलाव इस होटल चेन द्वारा सालाना परोसे जाने वाले लगभग एक लाख व्यंजनों को प्रभावित करेगा और प्रतिस्थापित करेगा।

30% मांस या पशु-आधारित उत्पादों को कम कर दिया है

वहीं होटल के मालिक ईशान भंडारी ने कहा,”हर साल दुनिया भर में खाने के लिए अरबों जानवरों को पाला जाता है और फिर उनका कत्ल किया जाता है। उनमें से ज्यादातर को फैक्ट्री फार्म तक ही सीमित रखा जाता है।

साथ ही कहा इस सामान्यीकृत क्रूरता के बारे में जागरूकता न केवल हमें दुखी करती है बल्कि हमें इसे कम करने के लिए अपनी ओर से भरपूर प्रयास करने के लिए और अधिक दृढ़ भी बनाती है।

हमने अपने मेन्यू से 30% मांस या पशु-आधारित उत्पादों को कम कर दिया है और हमें आशा है कि इस दिशा में अपनी ओर से भरपूर योगदान देने के लिए जैसे-जैसे बाकी लोग भी एकजुट होंगे तो पशुओं के प्रति क्रूरता की विनाशकारी स्थिति में कमी लाई जा सकेगी।”

जानवरों के दर्द और पीड़ा को भी कम करता है

गौरतलब है कि पशु-कृषि जलवायु परिवर्तन,पर्यावरणीय वनों की कटाई और जल संसाधनों की कमी के प्रमुख कारणों में से एक है।

मांस की खपत को कम करने का विकल्प चुनने से न केवल पर्यावरण पर बोझ कम होता है बल्कि यह फार्म पर पाले जाने वाले लाखों जानवरों के दर्द और पीड़ा को भी कम करता है।

वहीं इस फैसले को लेकर ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल में फार्म एनिमल प्रोटेक्शन के लिए असिस्टेंट मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा ने कहा, “हम साल्वस ग्रुप की प्रतिबद्धता और मांस-आधारित उत्पादों को कम करने व उनके स्थान पर स्वादिष्ट पौधे-आधारित व्यंजनों को विकल्प के रूप में बढ़ाने के लिए की गई पहल से खुश हैं। हम इन बदलावों को लागू करने में उनकी मदद करने के लिए तत्पर हैं।”

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शर्मा ने आगे कहा,”भोजन और उपभोग संबंधी आदतें अब बदल रही हैं क्योंकि उपभोक्ता पर्यावरण,जानवरों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर उनके आहार से पड़ने वाले बुरे प्रभाव के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं “।

इस तरह की पहलों के माध्यम से इंडिया खाद्य व्यवसायों, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों के साथ साझेदारी करके स्थायी आहार प्रथाओं की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर रही है, ताकि पौधे-आधारित स्वादिष्ट व्यंजनों के मेन्यू तैयार किए जा सकें और पौधे-आधारित पाककला प्रशिक्षण के लिए कार्यशालाओं एवं अन्य प्रचारक गतिविधियों की सुविधा प्रदान की जा सके।

ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल दुनिया भर में करता है ये काम

जानकारी के लिए बता दें कि देशों में जानवरों के कल्याण को आगे बढ़ाते हुए ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल दुनिया भर में मानव-पशु कुत्ते-बिल्लियों को बचाने और उनकी सुरक्षा करने, फार्म पशु कल्याण में सुधार करने,और जानवरों के प्रति किसी भी तरह की क्रूरता का सामना करने के लिए काम करती है।