गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में कलेक्टरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण : भूपेश बघेल | Nation One
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में कलेक्टरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में कहा कि जिन गौठानों में अब तक गौठान समितियां नहीं बनी है, वहां गौठान समितियों का गठन तत्काल किया जाए। गौठान समितियों का गठन प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन से किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना में गांव के चरवाहों को अनिवार्य रूप से भागीदार बनाया जाए। उन्हें वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री से होने वाले लाभांश का एक हिस्सा मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गांवों में गोबर खरीदने का कार्य गौठान समितियों द्वारा किया जाएगा। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह और युवा समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार वर्मी कम्पोस्ट के भंडारण के लिए गौठानों में कमरा निर्माण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में आने वाले पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट के पैकेजिंग बैग पर वर्मी कम्पोस्ट उत्पादित करने वाले गौठान समिति का नाम भी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री बघेल ने गौठानों में गौ-सेवकों को जोड़ने तथा वहां पशु चिकित्सकों का भ्रमण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाए। इस काम में एनजीओ को भी जोड़ा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी गोधन न्याय योजना से क्रियान्वयन के लिए आवश्यक तैयारी करने कहा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्थापित निजी डेयरियों से भी गोबर की खरीदी की जाए तथा वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में शहरी क्षेत्र के महिला समूहों को जोड़ा जाए।