ऋषिकेश: पब्लिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने २५ सूत्री दिशा निर्देश जारी किए हैं। छात्र-छात्राओं की सुविधा को देखते हुए अब हर स्कूल वाहन में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही छात्रों को स्कूल तक लाने और ले जाने के लिए महिला चालकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा आवासीय स्कूलों में हर तल पर लैंडलाइन फोन लगाए जाएंगे। जिस पर अभिभावक और बच्चे बात कर सकें। ये शासनादेश शनिवार को जारी किया गया है।
कुछ विद्यालयों में हो रही अप्रिय घटनाओं को देखते हुए शासन ने राज्य के सभी प्राइवेट और पब्लिक स्कूलों के लिए नई गाइड लाइन जारी की है। ये दिशा निर्देश बोर्डिंग और डे बोर्डिंग स्कूलों पर भी लागू होंगे। सचिव उत्तराखंड शासन, डॉ. भूपेंद्र सिंह औलख की ओर से जारी शासनादेश प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को भेज दिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि दिशा निर्देश लागू होने के बाद सत्यापन स्थानीय पुलिस करेगी। इसके बावजूद कोई अप्रिय घटना होती है तो जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे।
- ये हैं दिशा निर्देश और खास बिंदु
- प्राइवेट स्कूल बस में अनिवार्य रूप से महिला कार्मिकों की तैनाती होगी। ये बच्चों को बैठाने और उतारने का कार्य करेंगी।
- बालिका विद्यालयों में छात्राओं को लाने और ले जाने के लिए स्कूली वाहनों में यथासंभव महिला चालकों की तैनाती की जाएगी।
- स्कूल वाहनों में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। इसका डिस्प्ले निरीक्षण करने के लिए प्रधानाचार्य की ओर से सक्षम अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
- राज्य के प्राइवेट-पब्लिक स्कूलों और डे बोर्डिंग अथवा पूर्ण बोर्डिंग स्कूलों के बच्चों को इलेक्ट्रानिक चिप से लैस पहचान पत्र जारी होंगे।
- अभिभावकों के मोबाइल इलेक्ट्रानिक चिप से लिंक रहेंगे। जिससे उन्हें बच्चों की वास्तविक लोकेशन लगातार मिलती रहेगी।
- बच्चों के बस में बैठने और उतरने की जानकारी अभिभावकों को एसएमएस के जरिए अपडेट की जाती रहेगी। स्कूलों में हर महीने यौन उत्पीड़न के विरुद्ध कानूनी अधिकारों की जानकारी दी जाएगी।
- प्राइवेट स्कूलों में कर्मचारियों की नियुक्ति से पहले पुलिस और स्थानीय लोगों से सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। वाहन चालकों की नियुक्ति स्थानीय निवासियों में से ही होगी।
- सभी स्कूली वाहनों को जीपीएस सिस्टम से लैस करना अनिवार्य होगा। आवासीय विद्यालयों में छात्र और छात्राओं के हास्टल तत्काल अलग-अलग संचालित किए जाएंगे।
- छात्राओं के हास्टल में पुरुष और छात्रों के हास्टल में महिला कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होगी। छात्रावासों के प्रत्येक तल पर आपातकालीन सहायता का डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाएगा।
- प्रत्येक विद्यालय में शिकायत पेटिका अनिवार्य रूप से होगी। इसे प्रधानाचार्य एक वरिष्ठ अध्यापक, एक वरिष्ठ अध्यापिका की मौजूदगी में खोली जाएगा। समास्या के समाधान की सूचना मुख्य शिक्षा अधिकारी को देेनी होगी।