प्रदेश के बड़े शहरी निकायों में विभिन्न विकास कार्यों के लिए एडीबी से दो हजार करोड़ रुपये का लोन मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इस बार योजना में पुराने छह शहरों के साथ ही मसूरी, ऋषिकेश और कोटद्वार को भी शामिल किया जा रहा है। योजना के तहत पेयजल, सीवर के साथ ही ट्रैफिक सुधार और सड़क सहित सात तरह के काम किए जाएंगे।
शहरी विकास विभाग ने एडीबी के नए लोन के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। विभाग ने केंद्र के पास कुल ढाई सौ मिलियन डॉलर (करीब दो हजार करोड़) के लोन का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इस बार योजना में देहरादून, रुड़की, रामनगर, नैनीताल, हल्द्वानी, हरिद्वार के साथ ही मसूरी, ऋषिकेश और कोटद्वार को भी शामिल किया गया है। योजना में पिछली बार पेयजल, सीवर के ही काम किए गए थे। जबकि इस बार पेयजल, सीवर के साथ ही रोड ट्रांसपोर्ट, सॉलिड वेस्ट, ट्रैफिक सुधार, ड्रैनेज और अरबन रिफॉर्म के काम किए जाने हैं।
मसूरी में सीवर कार्य कराए जाने की योजना
अपर सचिव शहरी विकास चंद्रेश यादव के मुताबिक योजना में मसूरी में सीवर कार्य कराए जाने की योजना है। मौजूदा समय में मसूरी का अधिकांश सीवर आखिरकार रिस्पना नदी में प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष तौर पर गिर रहा है। इससे रिस्पना उद्ग्म से ही दूषित हो रही है।
एडीबी के प्रथम चरण के लोन से कराए जाने वाले कामों की डेडलाइन 23 जनवरी को खत्म हो चुकी है। इसके लिए एडीबी ने दस साल की अवधि के लिए कुल करीब 2500 हजार करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत किया था। लेकिन राज्य की मशीनरी इसमें से महज सात सौ करोड़ रुपये का ही लोन इस्तेमाल कर पाई।