शिक्षा को ईमानदारी व कर्तव्यपरायणता के साथ निभाने का लिया संकल्प

हरिद्वार में मानवीय मूल्यों को स्मरण कराने वाले विश्वविद्यालय की ओर से दिए गए शिक्षण को ईमानदारी के साथ अपनाएंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। विवि के साथ अपने सकारात्मक सपनों को जोड़कर आगे बढ़ेंगे तो यह समाज को एक नई दिशा में सार्थक पहल कही जाएगी। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने यह बात मंगलवार को देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के 32वें ज्ञान दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए कहे। समारोह में नवप्रवेशी विद्यार्थियों ने आचार्यों द्वारा दी गई शिक्षा को ईमानदारी व कर्तव्यपरायणता के साथ निभाने का संकल्प लिया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सच्चाई और कर्त्तव्यनिष्ठा वह पूंजी है, जिससे इच्छित क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है। कहा बड़ी-बड़ी डिग्री लेने के बजाय इंसानियत की डिग्री लेना ज्यादा आवश्यक है। जिसमें इंसानियत आ गई, वह समाज के सकारात्मक विकास की ही बात सोचेगा और करेगा। ऐसे लोगों के नाम ही इतिहास में दर्ज होते हैं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विवि द्वारा किए जा रहे रिसाइक्लिंग कार्यों की सराहना की। कहा कि हिन्दू संस्कृति की पवित्रता को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए जिस तरह आचार्यश्री ने कार्य किया है, वह अभिनंदनीय है।

आचार्यश्री ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर प्रत्येक विषयों पर प्रचुर साहित्य लिखकर दिए हैं, यह असाधारण पुरुषार्थ है। विश्वविद्यिालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि आज समाज में प्रगति का आकलन सांसारिक सफलता पर किया जाता है, जबकि होना यह चाहिए कि मनुष्य अपने जीवन को सुसंस्कारित करने के साथ भारतीय संस्कृति की विरासत को संभालने में महत्त्वपूर्ण योगदान दे।

हम सभी समाज की भ्रांतियों को मिटाने और भारत के विकास में योगदान देने के लिए संकल्पित होकर आगे बढ़ें। कुलपति शरद पारधी ने कहा कि गुण, कर्म, स्वभाव के साथ उज्ज्वल भविष्य की संरचना की दिशा में आगे बढ़ेंगे तो जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी। इससे पहले कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने सभी को ज्ञानदीक्षा का संकल्प दिलाया। उदयकिशोर मिश्र ने ज्ञानदीक्षा का कर्मकांड कराया। इस मौके पर विवि की ई-न्यूज पेपर रेनासा, रिसर्च जर्नल एवं संस्कृति संचार के नवीन संस्करण का अतिथियों ने विमोचन किया।

राष्ट्र के विकास में युवाओं की भागीदारी पर चर्चा

कार्यक्रम के पश्चात केंद्रीय मंत्री ने गायत्री परिवार प्रमुख शैलदीदी और डॉ. प्रणव पण्ड्या से मिलकर राष्ट्र के विकास में युवाओं की भागीदारी पर चर्चा की। इस अवसर पर डॉ. पण्ड्या ने केंद्रीय मंत्री का मंगल तिलक, उपवस्त्र और युग साहित्य भेंटकर सम्मानित किया। केन्द्रीय मंत्री ने भी डॉ. पण्ड्या को अपनी पुस्तक भेंट की। बाद में केंद्रीय मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने हस्तकरघा, रिसाइक्लिंग सेंटर और स्मृति उपवन का निरीक्षण किया।

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