बार-बार चुनावों से सरकारी खजाने पर बहुत बोझ पड़ता है : सारंगी | Nation One

भारतीय जनता पार्टी की राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता अपराजिता सारंगी ने कहा है कि बार-बार चुनावों से सरकारी खजाने पर बहुत बोझ पड़ता है। अपराजिता सारंगी ने कुछ देर पहले ओडिसा के भुवनेश्‍वर में  संवाददाताओं से कहा कि 1951 में चुनाव पर करीब 11 करोड़ रुपए खर्च हुए थे जो कई गुना बढ़ाकर 2019 के आम चुनाव तक 60 हजार करोड़ रुपए के करीब पहुंच गए।

एक राष्‍ट्र एक चुनाव के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के विजन का उल्‍लेख करते हुए अपराजिता सारंगी ने कहा कि बार-बार और अलग-अलग चुनाव होने के अनेक दुष्‍प्रभाव हैं। उन्‍होंने कहा कि अलग-अलग चुनाव कराए जाने और आचार-संहिता लागू होने से विकास कार्यों में बाधा होती है और नीतिगत ठहराव की स्थिति पैदा होती रहती है।

सभी चुनाव एक साथ कराने का समर्थन करते हुए प्रवक्‍ता ने कहा कि इससे काले धन पर अंकुश लगेगा तथा चुनाव ड्यूटी पर तैनात किए जाने वाले सुरक्षाबलों और शिक्षकों पर बोझ कम होगा। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए एक ही मतदाता सूची होनी चाहिए।