उत्तराखंड के बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत और बचाव अभियान जोरों पर है। वहां अब तक 18 शव मिल चुके हैं। इस बीच, 27 लोगों को एनटीपीसी और ऋषिगंगा जल परियोजना स्थलों से बचा लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पुलिस महानिदेशक इस क्षेत्र में कल से ही कैम्प किये हुए हैं। उन्होंने बताया कि गढ़वाल डिवीजन के आयुक्त और उप-महानिरीक्षक को भी आज से घटनास्थल पर रहने को कहा गया है। इसके अलावा चमौली जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों को बचाव और राहत कार्य में लगाया गया है। दूसरे जिले के अधिकारियों को भी घटनास्थल पर तैनात किया गया है।
जिला प्रशासन, राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल, सशस्त्र सीमा बल, आईटीबीपी तथा रक्षा बल की टीमें बचाव और राहत कार्य में लगी हैं। प्रभावित क्षेत्रों में हैलीकॉप्टर से राशन के एक हजार पैकेट और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है। अब तक 35 लोगों के सुरंग में फंसे होने की आशंका है। उन्हें निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मदद से दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।