असम में राज्य सरकार की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव अभियान जोर शोर से चलाया जा रहा है। राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए आज से चावल और दाल जैसे अनाजों की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। पशुओं के लिए चारे की आपूर्ति भी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य में बाढ़ के कारण 204 तटबंधों और 174 पुलों को नुकसान पहुंचा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राहत शिविरों में लोगों को ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श की सुविधा देने का प्रबंध किया जा रहा है।
मंत्री जोगेन मोहन ने कहा कि कोविड संक्रमण से निपटने के लिए प्रशासन की मदद कर रहे 14 हजार प्रतिरोधी बंधुकार्यकताओं को जीवन बीमा की सुविधा दी जाएगी। राज्य में आई भीषण बाढ़ से 25 जिलों के 24 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
दूसरी तरफ,बिहार में, बाढ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर सहित दस जिलों के छह लाख 50 हजार से अधिक लोग बाढ से प्रभावित हुए हैं। दरभंगा, पश्चिमी चंपारण और सुपौल सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। बाढ़ से जुडी घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो चुकी है।
पश्चिमी चंपारण में त्रिवेणी नहर के दक्षिणी बांध में दरार आने से कुछ नये क्षेत्रों में बाढ का पानी भर गया है। बूढ़ी गंडक के रिंग बांध में दरार पड़ने से पूवी चंपारण के सुगौली क्षेत्र की स्थिति बिगड़ गई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा कि असम में एनडीआरएफ की 16 टीमें और बिहार में 20 टीमें तैनात हैं।
बूढ़ी गंडक, बागमती और अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के उत्तरी हिस्सों में भारी वर्षा होने की चेतावनी दी है।