RBI : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगभग एक साल बाद पेमेंट एग्रीगेटर्स रेजरपे और कैशफ्री से बैन हटा दिया है। आरबीआई के बैन हटाने से इन पेमेंट कंपनियों को ऑनलाइन पेमेंट प्रॉसेस करने के लिए नए मर्चेंट (व्यापारियों) को अपने प्लेटफॉर्म पर शामिल करने की अनुमति मिल गई है।
पिछले साल आरबीआई ने टेजरपे और कैशफ्री के अलावा पेयू और पेटीएम को फाइनल लाइसेंस मिलने तक नए मर्चेंट को शामिल करने से रोक दिया था। पेटीएम और पेयू इंडिया को अभी भी इस मामले में स्पष्टीकरण का इंतजार है।
RBI : न मर्चेंट खातों में थी 80% बाजार हिस्सेदारी
लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार रेजरपे, पेयू इंडिया और कैशफ्री की पहले नए मर्चेंट खातों को जोड़ने के मामले में लगभग 70-80% बाजार हिस्सेदारी थी।
मगर पिछले एक साल से इन टॉप चार कंपनियों के निष्क्रिय होने से नए व्यापारी कुछ अन्य कंपनियों से जुड़ गए। इन कंपनियों में इंफीबीम एवेन्यूज और फोनपे शामिल हैं।
RBI : कैशफ्री पेमेंट्स के लिए अहम
फ्री पेमेंट्स के अनुसार आरबीआई से पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) लाइसेंस मिलना कैशफ्री पेमेंट्स के लिए एक अहम पल है, जो नियमों पर कंपनी के फोकस करने की पुष्टि करता है।
कंपनी ने अपने पेमेंट गेटवे पर नए व्यापारियों को शामिल करने की घोषणा की है। कंपनी कारोबारी यात्रा के इस नए फेज को लेकर बहुत उत्साहित है।
RBI : रेज़रपे ने की नए ग्राहकों को जोड़ने की शुरूआत
रेज़रपे के अनुसार नया पीए लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, हम नए ग्राहकों को जोड़ना शुरू कर रहे हैं और उन्हें अपने इंडस्ट्री-फर्स्ट पेमेंट सॉल्यूशंस के साथ सर्विस देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने आरबीआई से फाइनल पीए लाइसेंस प्राप्त करने पर खुशी जाहिर की है।
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