
RBI ने सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट को लेकर जारी किया नया आदेश, पढ़ें पूरी खबर | Nation One
सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट एक नेगोशिएबल बिना किसी गारंटी वाला मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट है। एक बैंक द्वारा एक वर्ष तक की परिपक्वता अवधि के लिए जमा किए गए धन के एवज में एक मियादी वचन पत्र के रूप में जारी किया जाता है।
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि सीडी केवल डिमैट रूप में जारी किया जाएगा और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के पास पंजीकृत डिपोजिटरी के पास रहेगा। आरबीआई के इस संदर्भ में जारी दिशानिर्देश के अनुसार सीडी भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों को जारी किया जा सकता है।
इस उत्पाद को कम-से-कम सात दिन के लिए जारी किया जाना चाहिए। साथ ही बैंकों को तबतक सीडी के एवज में कर्ज देने की अनुमति नहीं होगी जबतक इस बारे में रिजर्व बैंक मंजूरी नहीं देता।
आरबीआई के अनुसार जारीकर्ता बैंक को परिवक्व होने से पहले सीडी के पुनर्खरीद की अनुमति है। लेकिन यह कुछ शर्तों पर निर्भर करेगा। केंद्रीय बैंक ने दिसंबर 2020 में लोगों की राय जानने को लेकर दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया था।
बता दें कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुख्य नीतिगत दर ‘रेपो रेट’ को चार फीसदी पर कायम रखने की घोषणा की।
मौद्रिक समीक्षा में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर यदि गहराती है और इसकी वजह से देशभर में गतिविधियों पर अंकुश लगते हैं तो मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर जाने का जोखिम है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट यानी सीडी 5 लाख रुपये के न्यूनतम मूल्य में जारी किए जाएंगे। उसके बाद उसे 5 लाख रुपये के मल्टीपल में जारी किया जा सकेगा।
सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट एक नेगोशिएबल बिना किसी गारंटी वाला मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट है। एक बैंक द्वारा एक वर्ष तक की परिपक्वता अवधि के लिए जमा किए गए धन के एवज में एक मियादी वचन पत्र के रूप में जारी किया जाता है।
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि सीडी केवल डिमैट रूप में जारी किया जाएगा और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के पास पंजीकृत डिपोजिटरी के पास रहेगा। आरबीआई के इस संदर्भ में जारी दिशानिर्देश के अनुसार सीडी भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों को जारी किया जा सकता है।
इस उत्पाद को कम-से-कम सात दिन के लिए जारी किया जाना चाहिए। साथ ही बैंकों को तबतक सीडी के एवज में कर्ज देने की अनुमति नहीं होगी जबतक इस बारे में रिजर्व बैंक मंजूरी नहीं देता।
आरबीआई के अनुसार जारीकर्ता बैंक को परिवक्व होने से पहले सीडी के पुनर्खरीद की अनुमति है। लेकिन यह कुछ शर्तों पर निर्भर करेगा। केंद्रीय बैंक ने दिसंबर 2020 में लोगों की राय जानने को लेकर दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया था।
बता दें कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुख्य नीतिगत दर ‘रेपो रेट’ को चार फीसदी पर कायम रखने की घोषणा की।
मौद्रिक समीक्षा में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर यदि गहराती है और इसकी वजह से देशभर में गतिविधियों पर अंकुश लगते हैं तो मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर जाने का जोखिम है।