Kisan Andolan के बीच राहुल गांधी का बड़ा ऐलान, कांग्रेस देगी MSP की कानूनी गारंट | Nation One
Kisan Andolan : किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ा ऐलान किया है. ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर ‘INDIA‘ गठबंधन की सरकार बनी तो किसानों को मैं न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देता हूं. मालूम हो कि एक बार फिर किसान आंदोलन पर हैं और उनकी सबसे बड़ी मांग MSP को लेकर ही है.
Kisan Andolan : स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशें करेंगे लागू’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अंबीकापुर में रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं. उन्हें रोका जा रहा है, उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं…वे क्या कह रहे हैं? वे सिर्फ अपनी मेहनत का फल मांग रहे हैं.
BJP सरकार एमएस स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की…लेकिन वे MS स्वामीनाथन की कही बात को लागू करने को तैयार नहीं हैं.’ राहुल ने कहा, ‘उन्होंने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि किसानों को MSP का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए,
लेकिन बीजेपी सरकार ऐसा नहीं कर रही है. जब ‘INDIA’ गठबंधन की सरकार सत्ता में आएगी, तो हम देशभर के किसानों को MSP की गारंटी देने वाला (कानून) देंगे. स्वामीनाथन रिपोर्ट में जो कुछ भी है हम उसे पूरा करेंगे.’
Kisan Andolan : पीएम मोदी पर बोला हमला
रागुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर छोटे व्यापारियों को बर्बाद करने के लिए दो हथियारों जीएसटी (माल एवं सेवा कर) और नोटबंदी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘देश में दो तरह के अन्याय हो रहे हैं. एक आर्थिक अन्याय और दूसरा सामाजिक अन्याय.
आर्थिक अन्याय में बेरोजगारी फैल रही है. बड़े-बड़े अरबपति चीनी माल हिंदुस्तान में बेच रहे हैं. शर्ट, पैंट मोबाइल सब देखिए इनमें ‘मेड इन चाइना’ लिखा होता है. यदि यह सामान हिंदुस्तान में बनता तब इससे यहां के बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलता.’
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘छोटे व्यापारियों को मोदी जी ने नोटबंदी और जीएसटी से खत्म कर दिया. रोजगार छोटे व्यापारी और उद्योगपति देते हैं जो छोटे कारखाने चलाते हैं, हथकरघा का काम करते हैं. इन सबको मोदी जी ने साफ कर दिया. उन्होंने 2 तरह का प्रयोग किया GST और नोटबंदी.’
राहुल गांधी ने इस दौरान जातिगत आरक्षण को देश का आर्थिक और सामाजिक एक्स-रे की संज्ञा दी और कहा कि सामाजिक न्याय के लिए यह क्रांतिकारी कदम है. उन्होंने कहा कि देश में 73 फीसदी आबादी दलित, पिछड़े और आदिवासियों की है, लेकिन बड़ी कंपनियों, मीडिया, निजी अस्पतालों और निजी विश्वविद्यालयों को चलाने में इनकी भागीदारी शून्य है.
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