प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड 19 के उपचार के लिए वैक्सीन निर्माण, दवा की खोज, निदान और परीक्षण की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की | Nation One
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के उपचार के लिए वैक्सीन, सटीक दवाओं की खोज, निदान और परीक्षण की दिशा में देश के प्रयासों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार 30 से अधिक भारतीय वैक्सीन विकास के विभिन्न चरण में हैं।
औषधि विकास में तीन चरणों पर काम हो रहा है जिसमें मौजूदा दवाओं का पुन: संयोजन, नई औषधि पर प्रयोगशाला परीक्षण और सामान्य वायरस रोधी गुणों की जांच के लिए पौध उत्पाद और तत्वों का परीक्षण शामिल है।
इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शोधकार्य, उद्योग और सरकार के समन्वित प्रयासों से कुशल नियामक प्रक्रिया पर विचार किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दिया कि संकट के इस समय हर संभव उपाय वैज्ञानिक प्रक्रिया का नियमित हिस्सा बनना चाहिए।
Chaired a meeting on the Task Force on Corona Vaccine Development, Drug Discovery, Diagnosis and Testing. https://t.co/CPTSFBMeBM
— Narendra Modi (@narendramodi) May 5, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि औषध अनुसंधान के लिए जिस नवाचारी ढंग से भारतीय वैज्ञानिक और उद्योग साथ आये हैं वह सराहनीय है।
वैज्ञानिक और औ़द्योगिक अनुसंधान परिषद की प्रयोगशाला जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान और टाटा सन्स ने कोरोना संक्रमण की त्वरित और सटीक जांच के तरीकों से संबंधित लाइसेंस के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
इसमें इसी महीने से उपयोग में लाई जाने वाली किट की कार्यशैली को बढ़ावा देने संबंधी जानकारी का हस्तांतरण भी शामिल है।
फेलुदा नामक इस स्वदेशी वैज्ञानिक आविष्कार का डिजाइन इस प्रकार तैयार किया गया है जिससे बड़े पैमाने पर जांच में आसानी हो।
यह किट सस्ती है और इससे बहुत महंगी क्यू.पी.सी.आर. मशीनों पर निर्भरता समाप्त हो जायेगी। इसका उपयोग आसान है और इससे जांच के परिणाम भी कम समय में भी मिल सकेंगे।