आजीविका मिशन से जुड़े 5 महिला समूहों द्वारा मिलकर किया जा रहा है PPE किट का निर्माण | Nation One
देशभर में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है, ऐसे कोरोना योद्धाओं को कोविड से बचाने के लिए पीपीई किट इतेमाल किया जा रहा है। पीपीई किट विदेश से बुलाने की जगह हमारे यहाँ ही बनाए जाने लगे है। गुणवक्ता भी विदेश से आई पीपीई किट बेहतर। इतना ही नहीं इस महामारी के बीच गांव की महिलाओं को रोजगार भी मिल गया।
खंडवा के बड़गांव माली में आजीविका मिशन की पहल पर
पांच महिला समूहों ने मिलकर एक संगठन बनाया जिसका नाम नारी शक्ति महिला आजीविका ग्राम संगठन है। इस समूह की महिलाएं अब कोरोना योद्धाओं के लिए पीपीई किट तैयार कर रही हैं। समूह में लगभग 60 महिलाएं है। जिसमे से 20 महिलाएं पीपीई किट तैयार करती है। उस समूह की कुछ महिलाओं के बच्चे छोटे है इसलिए वह अपने घर और ही पीपीई किट बना कर इन्हें देती है। ताकि कोरोना से लड़ने वाले हमारे योद्धा सुरक्षित रह सकें।
कोरोना महामारी से लड़ने वाली टीम का हिस्सा बने महिलाएं
संगठन की महिलाओं की सोच है कि वह भी इस महामारी से लड़ने वाली टीम का हिस्सा बने। बस फिर किया था। यह महिलाएं जुट गई पीपीई किट बनाने में।
समूह की महिलाओं का मानना है कि जब कोरोना योद्धा इस महामारी से लड़ने के लिए इतना कुछ कर रहे हैं। तो हम भी उनके लिए कुछ करें। महिलाए जो किट बना रही हैं उसमें एप्रिन, फेस मास्क, चश्मा, शु कवर, हैंड ग्लब्ज, हेड कवर जैसी लगभग 8 उपयोगी चीजे शामिल है।
दौबारा इस्तेमाल में भी लाया जा सकता है पीपीई किट
एक दिन में यह महिलाएं लगभग 100 पीपीई किट तैयार कर लेती है। अब अन्य जिलों से भी इन्हें पीपीई किट के ऑडर मिलने लगे है। इन महिलाओं ने पीपीई किट के साथ ही कोरोना संक्रमण से पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए जम्प शूट ओर सफाईकर्मियों के लिए भी विशेष शूट बनाया है।
अभी तक महिला समूह ने 1500 पीपीई किट बना कर दे चुकी हैं। इन महिलाओं ने जी पीपीई किट बनाया है। उसे सेनिटाइज कर दौबारा इस्तेमाल में भी लाया जा सकता है।
कोरोना योद्धाओं का साथ दें देशवासी
आजीविका मिशन की ग्राम कोऑर्डिनेटर ने कहा कि हमने इनको कोरोना महामारी से चलते संगठित किया। महिलाओं को यह समझाया कि देश में कोरोना योद्धा जिस तरह से फिर बीमारी से लड़ कर देशवासियों को बचाने में अपना योगदान दे रहे हैं तो हमें भी उनका साथ देना चाहिए। इस काम मे उन्हें रोजगार भी मिलेगा।
महिलाओं के इस स्वसहायता समूह की प्रदेश के मुख्यमंत्री भी सराहना कर चुके है। इनका यह पीपीई किट मॉडल परीक्षण के ग्वालियर भी गया है।
खंडवा, मध्यप्रदेश से विजय तिर्थानी की रिपोर्ट